लातेहार, झारखंड: हेमंत सोरेन सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत भी आपको देखनी चाहिए। एक गर्भवती महिला को खाट पर अस्पताल पहुंचाया गया। दूर-दराज के इलाकों से ऐसे कई तस्वीरें सामने आती हैं, लेकिन मीडिया की सुर्खियां नहीं बनती।
यह पूरा मामला महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत अक्सी पंचायत के ग्राम तिसिया स्थित खूंटीकरम टोला का है, जहां आदिम जनजाति महिला ज्योति कोरवा (उम्र 30 वर्ष) को मंगलवार शाम उसके पति सुदेश कोरवा एवं गांव के अन्य चार सहयोगियों के साथ 8 किलोमीटर दूर बूढ़ा नदी पार करते हुए तिलैयाटांड़ तक लाया गया, जिसके बाद तिलैयाटांड़ से एंबुलेंस द्वारा महुआडांड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।
सुखद समाचार यह है कि महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। आपको बता दें कि सड़क के अभाव में ग्राम तिसिया तक विशेष कर बरसात के दिनों में वाहन का पहुंचना असंभव है, जंगली कच्चे रास्तों से गुजरते हुए 2 नदियां बुढ़ा नदी और टेटकु नदी को पार करना होता है, जिसमें पूल भी नहीं बना है। वहीं पहाड़ी नदी होने के कारण कभी भी बाढ़ आने की आशंका बनी रहती है।
सवाल है कि जिस विकास का ढिंढोरा पीटा जाता है सुदूरवर्ती इलाकों में वो तस्वीरें क्यों नहीं देखने को मिलती हैं। आखिर इन इलाकों की तस्वीर कब बदलेगी, जहां सड़क सुविधाएं नहीं होने से इनके दरवाजे तक एंबुलेंस तक नहीं पहुंचती हैं।