झारखंड के मनिका विधानसभा का सियासी समीकरण…रामचंद्र सिंह ने BJP को दी थी मात, 44 सालों बाद कांग्रेस का सपना हुआ था पूरा

झारखंड के मनिका विधानसभा का सियासी समीकरण…रामचंद्र सिंह ने BJP को दी थी मात, 44 सालों बाद कांग्रेस का सपना हुआ था पूरा

आलोक कुमार सिंह की रिपोर्ट 

लातेहार, झारखंड: झारखंड के मनिका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र सिंह ने 2019 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी रघुपाल सिंह को 16,240 मतों के बड़े अंतर से हराया। रामचंद्र सिंह को 74,000 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रघुपाल सिंह को 57,760 वोट प्राप्त हुए। इस जीत के साथ, कांग्रेस पार्टी ने इस क्षेत्र में 44 वर्षों से चली आ रही चुनावी संघर्ष को समाप्त कर दिया है।

रामचंद्र सिंह की इस जीत को कांग्रेस के लिए एक बड़ी राजनीतिक सफलता माना जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के लिए यह सीट विशेष महत्व रखती है क्योंकि यहां पर लंबे समय से पार्टी जीत के लिए प्रयासरत थी। रामचंद्र सिंह, जो पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य थे, ने कांग्रेस में शामिल होते ही मनिका से चुनाव लड़ा और इस जीत के माध्यम से पार्टी आलाकमान के निर्णय को सही साबित किया। यह फैसला कांग्रेस के लिए सही साबित हुआ क्योंकि रामचंद्र सिंह के पास राजनीति का लंबा अनुभव और जनसमर्थन था, जो चुनाव में उनकी जीत का मुख्य कारण बना।

रामचंद्र सिंह की इस जीत ने न केवल कांग्रेस पार्टी को मनिका में मजबूत किया, बल्कि राज्य में पार्टी की स्थिति को भी मजबूती दी। पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में इस जीत से उत्साह का माहौल है। रामचंद्र सिंह की जीत को पार्टी के नेताओं ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार दिया है और कहा है कि यह जीत पार्टी के संगठन और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है। भाजपा के लिए यह हार निराशाजनक रही। 2014 के चुनाव में भाजपा के हरिकृष्ण सिंह ने 1,083 वोटों के मामूली अंतर से जीत दर्ज की थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनका जनाधार कम होता चला गया। इस बार के चुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं में इस हार से निराशा है, लेकिन पार्टी आगामी 2024 के चुनावों के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है।

मनिका विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन गिरता हुआ देखा जा रहा है, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति बन रही है। भाजपा के भीतर अब यह चर्चा है कि अगले चुनाव में इस क्षेत्र से नया चेहरा मैदान में उतारा जाए, जो पार्टी के जनाधार को फिर से मजबूत कर सके। हरिकृष्ण सिंह का क्षेत्र में प्रभाव कम होता नजर आ रहा है, और उनका खरवार समुदाय भी उनसे नाखुश दिख रहा है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी चुनावों में भाजपा को मनिका में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नए सिरे से योजना बनानी होगी। वहीं, कांग्रेस इस जीत को आगामी चुनावों में अपनी बढ़त को कायम रखने के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ मान रही है। पिछले 2019 के चुनाव का रामचंद्र सिंह की जीत ने यह साबित कर दिया है कि मनिका के मतदाता परिवर्तन के लिए तैयार थे !

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *