अमर तिवारी की रिपोर्ट
झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) के मनसूबे झारखंड में इन दिनों सातवें आसमान छू रहे हैं। सत्ता में भागीदारी के लिए मन काफी आतुर और ब्याकुल है। पार्टी के अंदरखाने तीन तरह के ख्याल चल रहे हैं। पहला कि नजदीकी किधर बढ़ाई जाय। एनडीए या इंडिया ब्लॉक की तरफ या फिर दोनों से समान दूरी रखते हुए अकेले विधानसभा चुनाव में ताकत झोंकी जाए। किसी भी धड़ा को पूर्ण बहुमत नहीं आने की स्थिति में मनमाना बार्गेन का ख्याल कुछ ज्यादा ही चल रहा है। लॉटरी लगी तो मधु कोड़ा के तर्ज पर सीएम तक की कुर्सी का सपना चल रहा है। ख्यालों और अतिरेक के पीछे हाल में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिले वोटों की संख्या और जोड़ घटाव भी है। 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन के बाद झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति की चर्चा बेशक तेज है। झारखंड मुक्ति मोर्चा आज झारखंड की सत्ता संभाल रहा है, लेकिन इसके संघर्ष का इतिहास काफी लंबा और पुराना है। झारखंड अलग होने के बाद भी पार्टी गिरते बजरते सत्ता में काबिज हो पाई। अब भी गठबंधन के बूते सत्ता में है। ऐसे में महज दो वर्ष पूर्व 10 जनवरी 2022 को गठित जेबीकेएसएस से एक लंबी छलांग की उम्मीद में कितना दम है, ये भविष्य के गर्भ में है। राजनीतिक सक्रियता के क्रम में धीरे-धीरे 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग को जोड़कर पूरे सूबे में इसकी आग सुलगाई गयी। हालांकि अभीतक इस मुहिम में कुर्मी को छोड़कर जनभागीदारी नगण्य है। जयराम महतो ने स्थानीयता का मुद्दा उठाकर राज्य भर के स्वजातीय युवाओं को अपने संगठन के साथ जोड़ लिया है। लोकसभा चुनाव में जयराम महतो की पार्टी ने 8 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़कर लोगों को चौकाया भी है।
परफॉर्मेंस से अन्य दलों की उड़ी हुई है नींद
कहा जा सकता है कि अन्य दलों की नींद फिलहाल उड़ी हुई है। 2024 में ही झारखंड विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है। जयराम महतो ने दो दिन पहले धनबाद में घोषणा की थी कि वह विधानसभा के चुनाव में किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे और अकेले चुनाव लड़ेंगे। लोकसभा चुनाव में जयराम महतो की पार्टी ने कई विधानसभा सीटों पर बेहतर प्रदर्शन किया है। कम से कम 12 सीटों पर तो इस दल का परफॉर्मेंस बेहतर रहा है। गिरिडीह, धनबाद, हजारीबाग और रांची लोकसभा के 12 विधानसभा सीटों पर जयराम महतो की पार्टी का परफॉर्मेंस देखकर कहा जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में इन 12 सीटों पर परिणाम में उलटफेर हो सकता है। लोकसभा चुनाव में विधानसभा सीटों के आंकड़े बता रहे हैं कि झारखंड के 81 सीटों में से 49 पर एनडीए को बढ़त मिली है, जबकि 26 पर इंडिया ब्लॉक आगे रहा है। पांच सीटों पर मुकाबला लगभग बराबरी का रहा है।
लोकसभा चुनाव में एनडीए को बढ़त वाली विधानसभा सीटें
जिन सीटों पर एनडीए को बढ़त मिली है उनमें नाला, दुमका, जामा, सारठ , जरमुंडी, देवघर, पोडैया हाट , गोड्डा , कोडरमा, बरकट्ठा, धनवार, बगोदर ,जमुआ , गांडेय , बरही , बड़कागांव, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया, चतरा , लातेहार, गिरिडीह, गोमिया, बेरमो, बाघमारा, बोकारो, चंदन कियारी , सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, बहरागोड़ा, पोटका , जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, इचागढ़, सिल्ली , रांची, हटिया, कांके , सरायकेला, डाल्टनगंज, बिश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, भवनाथपुर, गढ़वा शामिल है। जबकि इंडिया ब्लॉक को जिन 26 सीटों पर बढ़त मिली है ,उनमें राजमहल,बोरियो , बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, जामताड़ा, मधुपुर, खिजरी , चाईबासा,मझ गांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, तमाड़, तोरपा, खूंटी, सिमडेगा, कोलेबिरा, मांडर, सिसई, गुमला, बिशनपुर और लोहरदगा शामिल है। जिन पांच विधानसभा सीटों में मुकाबला बराबरी का रहा, उनमें महागामा, मनिका, डुमरी, टुंडी और घाटशिला की सीटें शामिल है।
कुर्मी बहुल इन सीटों पर जयराम की टिकी है निगाह
जयराम महतो की पार्टी जिन 12 सीटों पर फैक्टर बन सकती है, उनमें डुमरी, गोमिया, बेरमो, टुंडी, बाघमारा, चंदन कियारी , सिंदरी, इचागढ़, सिल्ली , बड़कागांव, रामगढ़ और मांडू शामिल है। जयराम महतो ने घोषणा की है कि वह झारखंड की 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। अगस्त के पहले सप्ताह में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जाएगी। नियोजन नीति, कोल कंपनियों में स्थानीय को रोजगार समेत कई मुद्दों को लेकर पार्टी चुनाव में उतरेगी।
दूसरी तरफ आजसू और झामुमो के कुर्मी नेताओं के भी अस्तित्व का सवाल है। ये भी जयराम को घेरने के लिए चक्रव्यूह की रचना करेंगे।अधिकांश कुर्मी बहुल विधानसभा क्षेत्रों पर इन्हीं दो पार्टियों का कब्जा रहा है।जयराम की सेंधमारी से सर्वाधिक खतरा इन्हें ही है।ऐसे में जयराम के लिए भी राह आसान नहीं होगा।