टेलीकॉम कंपनियों ने मोबाइल रिचार्ज को काफी महंगा कर दिया। अब इस पर सरकार ने भी अपनी सफाई दी है। सरकार ने जो दलील है कि उसके मुताबिक भारत में अभी भी मोबाइल सर्विस बाकी देशों की तुलना में काफी सस्ती है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (टीआरएआई) अधिनियम 1997 के प्रावधानों के अनुसार, दूरसंचार सेवाओं के लिए एक स्वतंत्र नियामक, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (टीआरएआई) देश में दूरसंचार सेवाओं की दरों को नियंत्रित करता है।
पिछले दो दशकों से, टीआरएआई द्वारा मोबाइल सेवाओं की दरों को नियंत्रित रखा गया है। यह सरकार की नीतियों और टीआरएआई द्वारा अधिसूचित विनियामक ढांचे के परिणामस्वरूप भारत में मोबाइल सेवाओं के ग्राहकों के लिए सबसे न्यूनतम लागत वाली सेवाओं की श्रेणी है। 140 मिनट + 70 एसएमएस + 2 जीबी वाले न्यूनतम मोबाइल, वॉयस और डेटा बास्केट के लिए, कुछ पड़ोसी और विकसित देशों में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) (वर्ष 2023) द्वारा प्रकाशित मोबाइल सेवा मूल्य निर्धारण का तुलनात्मक विवरण निम्नानुसार है:
अर्थव्यवस्था | माप नाम | माप मूल्यन |
भारत एवं पड़ोसी देश | ||
चीन | अमेरिकी डॉलर | 8.84 |
अफगानिस्तान | अमेरिकी डॉलर | 4.77 |
भूटान | अमेरिकी डॉलर | 4.62 |
बांग्लादेश | अमेरिकी डॉलर | 3.24 |
नेपाल (गणराज्य) | अमेरिकी डॉलर | 2.75 |
भारत* | अमेरिकी डॉलर | 1.89 |
पाकिस्तान | अमेरिकी डॉलर | 1.39 |
अन्य देश | ||
संयुक्त राज्य अमेरिका | अमेरिकी डॉलर | 49 |
आस्ट्रेलिया | अमेरिकी डॉलर | 20.1 |
दक्षिण अफ्रीका | अमेरिकी डॉलर | 15.8 |
यूनाइटेड किंगडम | अमेरिकी डॉलर | 12.5 |
रूस फैडरेशन | अमेरिकी डॉलर | 6.55 |
ब्राजील | अमेरिकी डॉलर | 6.06 |
इंडोनेशिया | अमेरिकी डॉलर | 3.29 |
मिस्र | अमेरिकी डॉलर | 2.55 |
*नोट: भारत के संदर्भ में व्यावहारिक रूप से मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए प्रति माह 1.89 अमेरिकी डॉलर प्रति माह की औसत कीमत पर, असीमित वॉयस और 18 जीबी उपलब्ध हैं।
- मोबाइल सेवाओं के लिए शुल्क से संबंधित लाइसेंस शर्तें नीचे दी गई हैं:
“लाइसेंसधारक निश्चित समयानुसार टीआरएआई द्वारा जारी शुल्क आदेशों/विनियमों/निर्देशों/निर्णयों के अनुसार सेवा के लिए शुल्क वसूल करेगा। लाइसेंसधारक शुल्क के प्रकाशन, अधिसूचनाओं और सूचना के प्रावधान से संबंधित औपचारिकताओं को भी कार्यान्वित करेगा, जैसा कि टीआरएआई द्वारा निश्चित समयानुसार जारी किए गए आदेशों/विनियमों/निर्देशों के माध्यम से निश्चित समयानुसार संशोधित टीआरएआई अधिनियम, 1997 के प्रावधानों के अनुरूप निर्देशित किया जाता है।”
- भारत में, वर्तमान समय में, मोबाइल सेवाएँ तीन निजी क्षेत्र के लाइसेंसधारियों और एक सार्वजनिक क्षेत्र के लाइसेंसधारियों द्वारा प्रदान की जा रही हैं। प्रतिस्पर्धा के दृष्टिकोण से, यह मोबाइल सेवाओं के लिए एक सर्वोत्कृष्ट बाजार संरचना है।
- दूरसंचार सेवाओं की दरें स्वतंत्र नियामक यानी टीआरएआई द्वारा अधिसूचित नियामक ढांचे के भीतर बाजार की शक्तियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं। सरकार मुक्त बाजार के निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करती है क्योंकि इसकी कार्यक्षमता और शुल्क टीआरएआई के अधिकार क्षेत्र में है। मोबाइल सेवाओं के शुल्क में कोई भी बदलाव टीएसपी द्वारा टीआरएआई को अधिसूचित किया जाता है, टीआरएआई इसकी निगरानी करता है कि ये बदलाव निर्धारित नियामक ढांचे के क्षेत्र में हैं। यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि टीएसपी ने 2 साल से अधिक की अवधि के बाद मोबाइल सेवाओं की कीमतों में वृद्धि की है। पिछले 2 वर्षों में, कुछ टीएसपी ने देश में 5 जी सेवाओं को शुरू करने में भारी निवेश किया है। इसके परिणामस्वरूप औसत मोबाइल स्पीड में सार्थक वृद्धि हुई है और यह 100 एमबीपीएस के स्तर पर पहुंच गई है तथा भारत की अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग अक्टूबर 2022 में 111 से बढ़कर वर्तमान में 15 हो गई है।
- उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखते हुए दूरसंचार क्षेत्र के सुव्यवस्थित विकास के लिए, जिसमें 4.0 उद्योग आादि के लिए 5जी, 6जी, आईओटी/एम2एम जैसी नवीनतम प्रौद्योगिकी में निवेश शामिल है, साथ ही इस क्षेत्र की वित्तीय व्यवहार्यता महत्वपूर्ण है।
- पिछले 10 वर्ष पूर्व, दूरसंचार क्षेत्र विवादों, पारदर्शिता की कमी से घिरा हुआ था और इसलिए, मोबाइल सेवाओं का विकास गतिहीन था। पिछले 10 वर्षों के दौरान, सरकार की प्रगतिशील नीतियों के कारण, दूरसंचार सेवाओं की दरें चाहे वह वॉयस हो या डेटा, तेजी से न्यूनतम हुई हैं। सरकार स्पेक्ट्रम नीलामी के द्वारा बड़ी मात्रा में गैर कर राजस्व का लाभार्थी रही है जो पूर्णरूप से पारदर्शी और सफल रही है।