दिल्ली : आतिशी कैबिनेट के मंत्रियों के नाम फाइनल हो चुके हैं और सबसे चौंकाने वाला नाम है मुकेश अहलावत का। सियासी गलियारों में चर्चा है कि आखिर मंत्री पद के लिए मुकेश अहलावत का ही नाम क्यों फाइनल हुआ ? तो इस सवाल का जवाब जानने से पहले आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आखिर मुकेश अहलावत कौन हैं ? और आम आदमी पार्टी में उनका कद अचानक कैसे बड़ा हो गया ?
गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन ये वो पुरानी चेहरे हैं, जो केजरीवाल कैबिनेट में भी मंत्री का पद संभाल चुके हैं और इन्हें दोबारा से मंत्री बनाया गया है। वहीं केजरीवाल कैबिनेट में राजेंद्र पाल गौतम भी मंत्री बनाए गए थे, हालांकि उनके एक बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब वो आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में एक मंत्री का पद खाली चल रहा था। उनकी जगह AAP ने राज कुमार आनंद को मंत्री बनाया गया, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था। राज कुमार आनंद BJP में शामिल हो गए। हालांकि अब दलित चेहरे के तौर पर मुकेश अहलावत को मंत्री बनाया गया है।
मुकेश अहलावत दिल्ली की सुल्तानपुर माजरा सीट से विधायक हैं। विधानसभा सीट सुल्तानपुर माजरा उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। 48 वर्षीय दलित नेता मुकेश अहलावत आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद दलित कोटे से एक मंत्री का पद खाली चल रहा था। मुकेश अहलावत ने 2020 के विधानसभा चुनाव में BJP के उम्मीदवार राम चंदर चावड़िया को हराया था, वहीं तीसरे स्थान पर कांग्रेस उम्मीदवार जय किशन रहे थे। मुकेश अहलावत को 74,573 वोट मिले थे, जबकि वहीं चावड़िया को 26,521 वोट और कांग्रेस उम्मीदवार को 9,033 वोट मिले थे। हालांकि AAP में शामिल होने से पहले, उन्होंने 2013 में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस के जय किशन से हार गए थे।