संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 17 अगस्त के रोजगार समाचार के माध्यम से विज्ञापित केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के कुल 45 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। आपको बता दें कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार लेटरल एंट्री विज्ञापन रद्द करने के लिए UPSC के अध्यक्ष को पत्र लिखा था।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “…UPSC में लेटरल एंट्री का जो पारदर्शी निर्णय लिया था उसमें आरक्षण का सिद्धांत लगे ऐसा निर्णय लिया गया है… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है… NEET, मेडिकल एडमिशन, नवोदय विद्यालय में आरक्षण के सिद्धांत को लगाया… पीएम मोदी की प्रतिबद्धता है वो आज के UPSC में लेटरल एंट्री में आरक्षण का सिद्धांत लगाने के निर्णय में साफ दिखाई देती है… 2014 से पहले कांग्रेस की सरकार में लिए गए निर्णयों में आरक्षण के सिद्धांत का ध्यान नहीं रखा जाता था… इसका जवाब भी कांग्रेस को देना चाहिए…”
यूपीएससी में लेटरल एंट्री रद्द करने के लिए यूपीएससी के अध्यक्ष को पत्र लिखने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, “PM ने आज सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो पिछले 3-4 दिनों से एक लेटरल एंट्री का विषय चल रहा था उसके लिए डॉ जितेंद्र सिंह जी ने एक पत्र UPSC को लिखा है कि जब तक आरक्षण के पूरे प्रवाधान नहीं होते तब तक इसे विड्रॉ किया जाए। ये दर्शाता है कि पीएम सामाजिक न्याय के प्रतिबद्ध है…इस निर्णय के लिए हम पीएम की प्रशंसा करते हैं..”
UPSC लेट्रल एंट्री भर्ती विषय पर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “राहुल गांधी और उनके खानदान की आरक्षण और SC-ST, OBC को लेकर जो खानदानी विरासत है वो किसी से छिपी हुई नहीं है और उनकी अज्ञानता भी किसी से छिपी नहीं है… मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि हमारे(भाजपा) कैबिनेट के जो सचिव बने हैं वो किस बैच के हैं? उन्हें न पता हो तो हम बताते हैं कि वे 1987 बैच के हैं। जब उनकी(राहुल गांधी) पार्टी और उनके पिता जी की सरकार थी… उन्होंने क्यों OBC को आरक्षण नहीं दिया था?…”