आलोक कुमार सिंह की रिपोर्ट
पलामू, झारखंड : उत्पाद सिपाही बहाली की दौड़ अब पलामू केंद्र पर नहीं होगी। इस फैसले से चियांकी स्थित मैदान पर पहुंचे हजारों अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश देखने को मिला। राज्य पुलिस मुख्यालय द्वारा गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी गई कि पलामू में होने वाली दौड़ को राज्य के दूसरे केंद्रों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। पलामू में निर्धारित दौड़ 19 और 20 सितंबर को राज्य के अन्य विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें करीब 42 हजार अभ्यर्थी भाग लेंगे। यह फैसला सरकार द्वारा राज्य में बहाली प्रक्रिया के दौरान हुई अभ्यर्थियों की मौतों के मद्देनजर लिया गया है। अब तक बहाली प्रक्रिया में राज्य भर से 12 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है, जिसमें से पांच मौतें पलामू में हुई हैं। इसी के चलते राज्य सरकार ने 3 से 5 सितंबर तक बहाली प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगा दी थी।
सरकार के इस फैसले के बाद चियांकी मैदान पर पहुंचे अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। अभ्यर्थियों ने मेदिनीनगर-रांची मुख्य सड़क को जाम कर प्रदर्शन किया। आक्रोशित अभ्यर्थियों ने “हेमंत सोरेन मुर्दाबाद”, “हेमंत सोरेन गद्दी छोड़ो”, और “हेमंत सोरेन होश में आओ” जैसे नारे लगाकर सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की। इस प्रदर्शन के कारण सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यातायात बाधित हो गया। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन नाराज अभ्यर्थी अपनी मांग पर अड़े रहे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पलामू जैसे पिछड़े क्षेत्र के युवाओं के लिए यह दौड़ महत्वपूर्ण थी, और इसे अचानक अन्य केंद्रों पर स्थानांतरित करना अनुचित है। अभ्यर्थियों ने मांग की कि दौड़ को पलामू में ही आयोजित किया जाए, ताकि उन्हें असुविधा का सामना न करना पड़े।
प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और अभ्यर्थियों को शांत कराने की कोशिश की। इस बीच, राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है और जल्द ही स्थिति को सामान्य करने का आश्वासन दिया है। सरकार के इस फैसले और अभ्यर्थियों के विरोध के चलते राज्य में राजनीतिक गर्माहट बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर युवाओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए बहाली प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की है।