अमर तिवारी की रिपोर्ट
धनबाद जिला के बाघमारा और तोपचांची प्रखंड के कई सदर स्थानों में सड़क किनारे मुर्गी पालन, पोषण और बिक्री के बड़े बड़े फार्म खुलने से जनजीवन को भारी परेशानी होने की खबर है। इसके दुर्गंध से आजिज आधा दर्जन गांवों के पुरुषों एवं महिलाओं ने ऐसे ही एक मुर्गी फार्म को कल घेर लिया था और वहां तोड़फोड़ की थी।
आंदोलनरत लोगों को शांत करने के लिए बाघमारा एसडीपीओ आंनद ज्योति मिंज के निर्देश पर तीन थानों की पुलिस वहां कैम्प कर रही थी। काफी मशक्कत के बाद ग्रामीण शांत होकर घरों को वापस गए। कल की घटना तोपचांची थाना क्षेत्र के सिरसागढ़ा-नेपईडीह मुख्य सड़क मार्ग के बगल स्थित बीरबल मंडल नामक उद्योगपति के मुर्गी फार्म से जुड़ी है।
ग्रामीणों का कहना है कि मुर्गी फार्म में असंख्य मुर्गियां रहती हैं, इन्हें बड़े तादाद में दाने डाले जाते हैं, लेकिन इनके उत्सर्जित गंदगी का निस्तारण समीपवर्ती कतरी नदी में कर दिया जाता है। उक्त नदी के सिरसागढ़ा चेकडैम में हजारों लोग स्नान करते हैं। मालिक को वेस्टेज का निस्तारण अन्यत्र करना चाहिए।
दूसरी बात ये है कि मुर्गी फार्म की गंदगी से लाखों लाख बड़ी मक्खियां पैदा होती है, जो आसपास के दो किलोमीटर की परिधि में बसे गांवों के घरों के अंदर भिनभिनाती हैं और खाने पीने की सामग्रियों पर बैठ जाती हैं। मुर्गी फार्म से निकली बदबू मानो उन्हें अभिशाप में मिली हो। बीरबल मंडल की कई अन्य फैक्ट्रियां दाना, लेयर्स और चुजें से जुड़ी हैं। पूरे झारखंड में अंडा उत्पादन की इससे बड़ी फैक्ट्री नहीं है जो जीटी रोड के चालीबंगला और राजगंज-कतरास सड़क के किनारे कांको पेट्रोलपंप के पास बसी है।
सभी फैक्ट्री मुख्य सड़कों पर हैं। इससे उपजे साइडइफेक्ट को रोकने के लिए प्रबंधन की तरफ से कोई उपाय नहीं किये हैं। ऊपर से मरी हुई मुर्गियों को अहाते के बाहर फेंक दिया जाता, जिसे कुत्ते मुंह में लेकर नोंचाचोंथी करते रहते हैं। कुल मिलाकर गांव से सटे और घनी आबादी के बीच अवस्थित होने के कारण राहगीर से लेकर आमजन को काफी कष्ट का सामना करना पड़ता है।
About The Author
