नीट परीक्षा में धांधली और परीक्षा को रद्द करने समेत 39 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान CJI ने बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बात तो साफ है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है।
NEET-UG 2024 परीक्षा पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने NTA, केंद्र और CBI को बुधवार, 10 जुलाई को शाम 5 बजे हलफनामा दाखिल करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 11 जुलाई के लिए टाल दी।
NEET मामले में याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता धीरज कुमार सिंह ने बताया, “कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस बात को माना कि पेपर लीक हुआ है। उन्होंने कहा है कि अगर पेपर लीक हुआ है तो यह देखना है उसका प्रभाव कहां तक हुआ है… कोर्ट जानना चाहता है कि अब तक इस मामले में क्या जांच हुई है, कब पेपर लीक हुआ है, वह कितने बड़े पैमाने पर फैला है, यह सब जानने के बाद ही कोर्ट कोई निर्णय लेगी।”
NEET-UG 2024 परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर याचिकाकर्ता और फिजिक्स वल्लाह के CEO अलख पांडे ने कहा, “CJI बेंच ने यह माना कि पेपर लीक हुआ है… वे यह निर्धारित करना चाहते हैं कि पेपर किस हद तक लीक हुआ है… उन्होंने इससे संबंधित समयसीमा के बारे में पूछा है, पेपर कब तैयार किया जाता है? कौन सी समिति इसे तैयार करती है? दो सेटों में पेपर कैसे तैयार किया जाता है? पेपर केंद्रों को कैसे वितरित किया जाता है? वे पेपर लीक के समय का पता लगाने के लिए पेपर की कस्टडी की चेन देखना चाहते थे… अदालत यह निर्धारित करना चाहती है कि क्या यह (पेपर लीक) एक व्यवस्थित विफलता थी या यह कुछ व्यक्तियों की कदाचार के कारण हुआ…”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बात तो साफ है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। सुप्रीम कोर्ट ने NTA से उन उम्मीदवारों की पहचान करने को कहा जिन्हें NEET-UG पेपर लीक से फायदा हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने NTA से उन केंद्रों/शहरों की पहचान करने को भी कहा जहां लीक हुआ था।