धनबाद की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में भिड़े हुए हैं सार्जेंट राकेश दुबे, ट्रैफिक नियम को धत्ता बताने पर खैर नहीं

धनबाद की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में भिड़े हुए हैं सार्जेंट राकेश दुबे, ट्रैफिक नियम को धत्ता बताने पर खैर नहीं

अमर तिवारी की रिपोर्ट 

धनबाद में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस इनदिनों काफी मुस्तैद और चौकस है। हर चौक चौराहे पर तैनात ट्रैफिक कर्मी वाहनों के कागजात चेक कर रहे हैं। साथ में बगैर हेलमेट और सीटबेल्ट के ड्राइव करने वालों पर भी पैनी नजर रख रहे हैं।पकड़े जाने पर कोई बहाना या प्रार्थना नहीं चल रहा है।जेब में पैसे नहीं हैं,कोई बात नहीं,आपके नाम फाइन कट जाएगा।आपको जुर्माना चुकाना ही चुकाना है। अगर फाइन भरने में लेट लतीफी करते हैं और इस बीच दुबारे किसी गलती के लिए पकड़े जाते हैं तो ट्रैफिक कानून के तहत और कड़ी सजा मिलेगी।

त्रासदी है कि धनबाद के लोग जुर्माना भरना पसंद करते हैं, फिर भी नहीं सुधरते। धनबाद में प्रतिदिन दावे के मुताबिक डेढ़ से दो लाख रुपए का चालान कट रहा है। यह चालान रॉन्ग पार्किंग, रॉन्ग साइड ड्राइविंग और बिना हेलमेट के गाड़ी चलाने के आरोप में कट रहा है। फिर भी धनबाद के लोग ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करते। धनबाद में सबसे गंदा ट्रैफिक है। यहां ट्रैफिक नियम का पालन करने वाले लोगों में जागरूकता की भारी कमी है। सड़क पर गाड़ियां बेतरतीब ढंग से चलती हैं, लोग जहां-तहा गाड़ी खड़ी कर देते हैं। सड़क के आधे हिस्से में गाड़ी खड़ी कर बाजार करने चले जाते हैं। नतीजा होता है कि सड़क जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। रविवार को धनबाद के सिटी सेंटर में चेकिंग अभियान चलाया गया। दोपहर तक लगभग 40 से 50 गाड़ियों का चालान काटा गया।

वैसे चेकिंग में लगे अधिकारियों का दावा है कि यह अभियान लगातार चल रहा है। पिछले डेढ़ महीना से रोज अभियान चलाया जा रहा है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर सह सार्जेंट राकेश दुबे इसका नेतृत्व कर रहे हैं। धनबाद में वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन सड़क की व्यवस्था जस की तस है। बरसात में सड़कों का हाल भी बुरा है। धनबाद के लोग लंबे अरसे से फ्लाईओवर की मांग कर रहे हैं, लेकिन फ्लाईओवर मिलने से रह। सड़क पर ट्रैफिक नियम का पालन नहीं होता। रात को विशेष कर तरह-तरह की लाइट लगा कर लोग गाड़ियां चलाते हैं जिससे सामने वाले को भारी परेशानी होती है।
प्रेशर हॉर्न लगाकर भी गाड़ियां चलाई जाती है। टीन एजर्स नए-नए ढंग के वाहनों में हॉर्न लगाकर चलते हैं। बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, लहरिया कट बाइक भी सड़कों पर दौड़ती है। जिसका नतीजा होता है की दुर्घटनाएं होती है। संतोष की बात है कि ट्रैफिक पुलिस फिलहाल सजग और चौकस है। वैसे ,ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि ट्रैफिक में काफी सुधार हुआ है। सड़क पर दो पहिया वाहन चलाने वाले हेलमेट पहन कर चल रहे हैं।अगर 20 गाड़ियों की चेकिंग की जाती है तो कम से कम 18 गाड़ियों के पेपर दुरुस्त पाए जा रहे हैं।

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