मनिका विधानसभा में पूर्व विधायक हरेकृष्णा सिंह के प्रति नाराजगी, भाजपा के लिए चुनौती, मनिका विधानसभा क्षेत्र से नए प्रत्याशी की मांग

मनिका विधानसभा में पूर्व विधायक हरेकृष्णा सिंह के प्रति नाराजगी, भाजपा के लिए चुनौती, मनिका विधानसभा क्षेत्र से नए प्रत्याशी की मांग

आलोक कुमार सिंह, लातेहार : मनिका विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पूर्व विधायक हरेकृष्णा सिंह के प्रति नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। क्षेत्र के ग्रामीण और खासकर खरवार जाति के लोग, जिनसे पूर्व विधायक का सीधा जुड़ाव है, उनके खिलाफ मुखर हो गए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विधायक रहते हुए हरेकृष्णा सिंह ने जनहित के मुद्दों की अनदेखी की और अपने कार्यकाल के दौरान क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हरेकृष्णा सिंह का टिकट काटकर मनिका के रघुपाल सिंह को मौका दिया था। पार्टी नेतृत्व को यह कदम तब उठाना पड़ा जब हरेकृष्णा सिंह के खिलाफ स्थानीय स्तर पर भारी विरोध दर्ज किया गया। चुनाव में टिकट कटने के बाद भी सिंह ने कथित तौर पर पार्टी के खिलाफ भीतरघात किया, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा को मनिका सीट से हार का सामना करना पड़ा। इस सीट से कांग्रेस के विधायक की जीत हुई यह बात क्षेत्र के खरवार समाज और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बनी रही।

ग्रामीणों का कहना है कि हरेकृष्णा सिंह ने दस साल तक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन इस दौरान वे जनता से कटे रहे और केवल कुछ चापलूस कार्यकर्ताओं के माध्यम से ही क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे। आरोप है कि विधायक रहते हुए उन्होंने ग्रामीणों का फोन तक रिसीव नहीं किया और क्षेत्र के दौरे भी कम ही किए। ऐसे में, उनके खिलाफ लोगों की नाराजगी स्वाभाविक है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, ग्रामीणों ने प्रदेश कार्यालय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से मनिका विधानसभा क्षेत्र से हरेकृष्णा सिंह को टिकट न देने की सलाह दी थी। इसके बावजूद इनके, कुछ स्थानीय कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें एक बार फिर टिकट दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। क्षेत्र के खरवार जाति के लोग एवं ग्रामीण ने भाजपा नेतृत्व से साफ तौर पर नए और ऊर्जावान चेहरे को चुनाव में उतारने की मांग की है, जो क्षेत्र में सक्रिय रहकर विकास कार्यों को गति दे सके।

खरवार जाति के लोगों का कहना है कि यदि भाजपा इस बार भी हरेकृष्णा सिंह को उम्मीदवार बनाती है, तो पार्टी को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। बढ़ती नाराजगी को देखते हुए भाजपा नेतृत्व के सामने चुनौती है कि वह सही उम्मीदवार का चयन करे और जनता का विश्वास पुनः जीत सके। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में देखना होगा कि भाजपा इस सीट से किसे मैदान में उतारती है।

 

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *