पीएम आवास योजना-शहरी के तहत महिलाओं के नाम पर घरों का पंजीकरण, 2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता मंजूर

पीएम आवास योजना-शहरी के तहत महिलाओं के नाम पर घरों का पंजीकरण, 2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता मंजूर

‘भूमि’ और ‘उपनिवेशीकरण’ राज्य के विषय हैं। इसलिए, अपने नागरिकों के लिए आवास से संबंधित योजनाओं को राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। हालांकि, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय 25.06.2015 से प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत केंद्रीय सहायता प्रदान करके राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को पूरक बनाता है, ताकि देश भर में सभी पात्र शहरी लाभार्थियों को बुनियादी नागरिक सुविधाओं के साथ पक्के घर उपलब्ध कराए जा सकें।

पीएमएवाई-यू के तहत राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश सरकारों द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्तावों के आधार पर, मंत्रालय द्वारा 2.0 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता सहित 8.07 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ कुल 118.64 लाख घरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 114.40 लाख घरों की नींव रखी जा चुकी है और 85.43 लाख घर शहरी क्षेत्रों में लाभार्थियों को अब तक पूरे/ वितरित किए जा चुके हैं। राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में और प्राथमिक ऋण संस्थानों (पीएलआई) द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, कुल 16.79 लाख, 49.63 लाख और 39.44 लाख घर क्रमशः पुरुषों, महिलाओं और संयुक्त स्वामित्व के नाम पर हैं।

इस प्रकार, 89 लाख से अधिक घर महिलाओं के नाम पर या तो संयुक्त रूप से या एकमात्र स्वामित्व में हैं। इस योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता स्वीकृत की गई है, जिसमें से 1.64 लाख करोड़ रुपये राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों/ केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) को जारी किए गए हैं। लाभार्थियों को स्वीकृत, तैयार, पूर्ण/ वितरित किए गए घरों का राज्य/केंद्रशासित प्रदेश-वार विवरण और शुरुआत से जारी केंद्रीय सहायता अनुलग्नक में है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10.06.2024 को पात्र परिवारों की संख्या में वृद्धि से उत्पन्न आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए घरों के निर्माण के लिए 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया है। बजट 2024-25 के अनुसार, पीएमएवाई-यू 2.0 का लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश और 2.20 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के साथ 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करना है।

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