पुतिन से मुलाकात हुई, आखिर क्या बात हुई ? भारत-रूस की दोस्ती पर क्या बोले पीएम मोदी ?

पुतिन से मुलाकात हुई, आखिर क्या बात हुई ? भारत-रूस की दोस्ती पर क्या बोले पीएम मोदी ?

अपने रूस दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के पुतिन से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों ही नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। पीएम मोदी ने रूस को भारत का सबसे भरोसेमंद दोस्त बताया।

पीएम मोदी ने कहा-रूस शब्द सुनते ही हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है…भारत के सुख-दुख का साथी, भारत का भरोसेमंद दोस्त। रूस में सर्दी के मौसम में temperature कितना ही minus में नीचे क्यों न चला जाए…भारत-रूस की दोस्ती हमेशा plus में रही है, गर्मजोशी भरी रही है। ये रिश्ता mutual trust और mutual respect की मजबूत नींव पर बना है।

भारत में विकास कार्यों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा-भारत बदल रहा है, क्योंकि…भारत अपने 140 करोड़ नागरिकों के सामर्थ्य पर भरोसा करता है। 140 करोड़ भारतीय अब विकसित देश बनने का सपना देख रहे हैं।आज से ठीक 1 महीने पहले, 9 जून को मैंने तीसरी बार भारत के पीएम पद की शपथ ली थी। उसी दिन मैंने एक प्रण लिया था कि अपने तीसरे टर्म में मैं तीन गुनी ताकत से काम करूंगा, तीन गुनी रफ्तार से काम करूंगा। ये भी एक संयोग है कि सरकार के कई लक्ष्यों में भी 3 का अंक छाया हुआ है।

साथ ही पीएम मोदीने कहा-भारत-रूस की दोस्ती के लिए मैं विशेष रूप से अपने मित्र President Putin की Leadership की भी सराहना करूंगा। उन्होंने दो दशक से ज्यादा समय तक इस पार्टनरशिप को मज़बूती देने के लिए शानदार काम किया है।बीते 10 सालों में मैं छठी बार रूस आया हूं और इन सालों मैं हम एक दूसरे से 17 बार मिले हैं। मुझे खुशी है कि Global Prosperity को नई ऊर्जा देने के लिए भारत और रूस कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। यहां मौजूद आप सभी लोग भारत और रूस के संबंधों को नई ऊंचाई दे रहे हैं।आपने अपनी मेहनत और ईमानदारी से रूस के समाज में अपना योगदान दिया है।

पीएम मोदी ने T20 वर्ल्ड कप में भारत की जीत को लेकर जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा-आपने भी हाल ही में T20 वर्ल्ड कप में भारत की विजय को सेलिब्रेट किया होगा। वर्ल्ड कप को जीतने की असली स्टोरी, जीत की यात्रा भी है। आज का युवा और आज का युवा भारत आखिरी बॉल और आखिरी पल तक हार नहीं मानता है। विजय उन्हीं के चरण चूमती है, जो हार मानने को तैयार नहीं होते हैं। भारत में ये बदलाव सिर्फ सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर का ही नहीं है, बल्कि ये बदलाव देश के हर नागरिक के, हर नौजवान के आत्मविश्वास में भी दिख रहा है। 2014 से पहले हम निराशा की गर्त में डूब चुके थे।लेकिन आज देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है।

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