भोपाल: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में पदक और उपाधियां प्राप्त करने के लिए बधाई और शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि भारत में जिज्ञासा, शोध और सीखने की संस्कृति और प्रवृति के परिणाम स्वरूप ही देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी इस प्रतिष्ठित संस्थान में अध्ययनरत हैं। संस्थान ने विज्ञान शिक्षा में देश ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विद्यार्थियों के अध्ययन, शोध और अनुसंधान का अधिकतम लाभ देश के लोगों के कल्याण में हो।
केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने फॉसिल फ्यूल के उपयोग को घटाकर नवकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और उसके भांडाण के लिए शोध को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सरकार इस दिशा में विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को विभिन्न भागों में बांट कर देखने की बजाए समग्र मानव कल्याण की दृष्टि से देखना आवश्यक है। भारत को-2047 तक विकसित भारत के रूप में स्थापित करने के लिए नवाचार करने होंगे।
निर्मला सीतारमण ने कहा – हमारी सरकार शोध और अनुसंधान के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार ने इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन को अनुमोदन प्रदान किया है और इसके लिए 10 हजार 300 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान भी किया गया है। भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के हब के रूप में भी विकसित किए जाने की योजना है। देश को वर्ष 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य है। भारत का सेमी-कंडक्टर मिशन-2021 में आरंभ किया गया था। भारत में इस क्षेत्र में तीन इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलना बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि नवाचार,शोध और विकास को प्रोत्साहित करने केन्द्र सरकार अपना दायित्व मानती है।
वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संपूर्ण विश्व तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है। पेट्रोल, औद्योगिक क्रांति की धुरी रहा है, परंतु नॉलेज अर्थात ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का आधार है। ऐतिहासिक रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा बहुत समृद्ध रही है। इसी का परिणाम रहा कि आक्रांताओं ने हमेशा हमारे ज्ञान के केन्द्रों को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट करने की कोशिश की। भारत अपनी ज्ञान परंपरा का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है। विज्ञान शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ शोध, अनुसंधान और नवाचार को भी देश में बहुत महत्व दिया जा रहा है।