शेल्टर होम में जुलाई महीने 14 लोगों की मौत से हड़कंप, एक बार फिर घिरी केजरीवाल सरकार

शेल्टर होम में जुलाई महीने 14 लोगों की मौत से हड़कंप, एक बार फिर घिरी केजरीवाल सरकार

दिल्ली: केजरीवाल सरकार एक बार फिर सवालों की घेरे में है। रूह कंपा देने वाली एक ऐसी खबर, जिसे सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। कहने को तो वह सेल्टर होम है, लेकिन वहां बच्चे तिल तिल कर करने को मजबूर है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जुलाई महीने में ही 14 लोगों की मौत हो गई, हालांकि यह मौतें कैसे हुई ? इसकी जांच की जा रही है। दिल्ली की मंत्री आतिशी ने बताया, “रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में यहां 14 मौतें हुई हैं… इनमें से एक बच्चा भी शामिल है।”

आशा किरण शेल्टर होम मामले पर दिल्ली सरकार में मंत्री अतिशी ने कहा, “…आशा किरण होम में 24/7 मेडिकल केयर यूनिट हैं, जिसमें 6 डॉक्टर्स और 17 नर्स हैं। वहां पर हर समय 450 केयर गिवर्स हैं जिन्हें हाउस आंटी के रूप में जाना जाता है… जुलाई के महीने में आशा किरण होम में 14 मौतें हुई हैं जिसमें से 13 व्यस्क हैं और 1 नाबालिग है… 1 महीनें में 14 मौतें होना बहुत गंभीर मामला है। एक मजिस्ट्रियल जांच बैठाई गई है। जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर आएगी। यदि जांच में किसी भी अफसर की लापरवाही सामने आती है तो उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैं दिल्ली के लोगों को ये आश्वासन देना चाहती हूं कि अगर इनमें से कोई भी मौतें टालने योग्य कारण या लापरवाही से हुई हैं तो किसी भी अफसर को बख्शा नहीं जाएगा… सरकार खुद पुलिस कार्रवाई बैठाएगी…”

आशा किरण शेल्टर होम मामले पर भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा, “यह दिल्ली सरकार की असंवेदनशीलता है… एक-एक डोरमेट्री में 30 से 35 बच्चे हैं जहां पर 15 से 20 बच्चे रहने चाहिए… केवल 17 नर्सिंग ऑफिसर्स हैं… इन सभी को पिछले 5 महीने से तनख़्वाह नहीं दी गई है… 35-35 बच्चों को 3 आया कैसे संभालती होंगी?… वहां पर पिछले कई सालों से ऐसी ही दयनीय स्थिति बनी हुई है… दिल्ली सरकार से हमारा कहना है कि न्यायिक जांच तो होती रहेगी लेकिन केवल जांच करने से कुछ नहीं होगा। उन बच्चों के माता-पिता नहीं है… उन्हें संभालने वाले स्टाफ की तनख्वाह दी जानी चाहिए और उसका मानदंड भी बढ़ना चाहिए… दिल्ली सरकार वहां पर उन बच्चों को अमानवीय तरीके से रख रही है।”

दिल्ली कांग्रेस महिला कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और दिल्ली के आशा किरण आश्रय गृह में हुई मौतों को लेकर दिल्ली की मंत्री आतिशी के इस्तीफे की मांग की। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस महासचिव, नीतू वर्मा सोइन ने कहा, “…हम यहां यह जानने आए हैं कि क्या हुआ। यहां 14 हत्याएं कैसे हुई हैं? हमें बताया जा रहा है कि यहां 450 बच्चों को रखा जा रहा है, जबकि यहां सिर्फ 250 लोग रह सकते हैं…हम मांग करते हैं कि इसकी जांच होनी चाहिए। ये मौतें नहीं, बल्कि हत्याएं हैं…दिल्ली सरकार क्या कर रही है? हम इसके पीछे जिम्मेदार अधिकारियों और मंत्रियों के इस्तीफे की मांग करते हैं…”

आशा किरण आश्रय गृह में हुई मौतों पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “जब मैं प्रदेश अध्यक्ष था तब भी इस आशा किरण में 11 बच्चों की मौत की खबर सामने आई थी… आशा किरण में उन बच्चों को रखा जाता है जिनका कोई नहीं होता है। वो बीमार हो रहे हैं, उन्हें दवाईयां नहीं मिल रही है… आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में कितनी जानें लेगी?… AAP सरकार की ऐसी संवेदनहीनता की कल्पना दिल्ली ने नहीं की थी। जो भी इसके दोषी है उन्हें कड़ी से कड़ी सजा हो… इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए…”

DCP रोहिणी गुरइकबाल सिंह सिद्धू दिल्ली के आशा किरण आश्रय गृह पहुंचे। DCP रोहिणी गुरइकबाल सिंह सिद्धू ने कहा, “… 196 BNSS के तहत कार्रवाई हमारे द्वारा पहले ही की जा चुकी है… मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम या फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, मजिस्ट्रेट जांच में जो भी सामने आता है, मजिस्ट्रेट से हमें जो भी निर्देश मिलते हैं, हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे…”

राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा, “…मेरे अनुसार यह सीधे-सीधे आपराधिक लापरवाही का मामला है… डॉक्टरों ने बार-बार लड़कियों की रिपोर्ट्स में लिखा है कि वो कुपोषण की शिकार थीं… डॉक्टरों ने बताया है कि जो हजार लोग यहां रह रहे हैं उनमें से 30 प्रतिशत लोग कुपोषण के शिकार हैं, 20 प्रतिशत लोगों को अलग-अलग तरह के चरम रोग हैं। एक-एक छोटे कमरे में 46-46 महिलाओं को रखा हुआ है जहां बिस्तर तक नहीं हैं… यह किसकी लापरवाही से हो रहा है?… अंदर इतनी गर्मी है कि वहां खड़े रह पाना भी मुश्किल है… 200-300 महिलाएं हैं लेकिन उनके लिए एक भी AC नहीं लगाया गया… यहां अत्यधिक भीड़, कुपोषण, गर्मी और निर्जलीकरण से मौत हुई है। मंत्री अभी तक यहां नहीं आए हैं… क्या वे अपने एयरकंडीशन कमरों में बैठे रहेंगे और यहां पर लोग मरते रहेंगे?… मैं एक रिपोर्ट बना रही हूं और मैं सदन में ये विषय जरूर उठाउंगी।”

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से अपनी मुलाकात पर भाजपा नेता जया प्रदा ने कहा, “इस घटना के बाद हम सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर हम इस समाज में कहां रह रहे हैं। हमारे बच्चे जो समाज के भविष्य निर्माता है वो किस माहौल में रह रहे हैं… आज मैंने LG से मुलाकात की और उनसे इस घटना के बारे में बातचीत की… मैं दिल्ली सरकार और MCD की जिम्मेदारी मानती हूं क्योंकि स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत करने के बावजूद उस पर कार्रवाई नहीं की गई है… हम हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं… उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि वो अभी से चाहें निलंबित करना हो या कार्रवाई करना हो, काम शुरू कर रहे हैं…”

आशा किरण शेल्टर होम मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग(NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, “खाने में फंगल लगा हुआ है। पुरानी दाल और रोटी खाने के लिए दी जा रही है। वहीं मेन्यू में देखें तो मटर-पनीर, चावल, दाल, दही सब दिखाई दे रहा है लेकिन बच्चों को कुछ नहीं मिल रहा है। भुखमरी से भी बच्चे मर रहे हैं…” आशा किरण शेल्टर होम मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग(NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, “…पानी दूषित है। फिल्टर लगाए नहीं गए हैं… अधिकांश मौतें डायरिया से हुई है… जहां पर केवल 250 महिलाओं के रहने की जगह है वहां पर 495 लोग रह रहे हैं… इतनी मौतें होने के बाद कुछ लोगों को निकाला गया है… पिछले 2 महीने से यहां शौचालय नहीं हैं… केवल 100 लोगों के लिए शौचालय हैं जिसे लगभग 500 लोग इस्तेमाल कर रहे हैं… आप सोच सकते हैं कि कितनी बड़ी लापरवाही है… यहां की जो कर्ता-धर्ता CMO हैं उनका कहना है कि उन्होंने इन समस्याओं को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी लेकिन उसका सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया… आने-जाने के लिए कोई रजिस्टर मेंटेन नहीं किया गया है… जो भी कार्यकर्ता हैं उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं किया गया है उन्हें बस नौकरी पर रख लिया गया है… “

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