अमर तिवारी की रिपोर्ट- धनबाद, झारखंड : धनबाद जिला के तोपचांची और बाघमारा प्रखंड की सीमा पर जीटी रोड के किनारे दयाबांसपहाड़ में मांट फोर्ट एकाडेमी नामक एक अंग्रेजी माध्यम का स्कूल है। दो दशक पूर्व काफी प्रचार प्रसार और तामझाम के साथ स्कूल की ओपनिंग की गई थी, लेकिन यहां ग्रामीण इलाकों के बच्चों के भविष्य के साथ भयानक खेल हो रहा है। पठन-पाठन का स्तर काफी निम्न है। बच्चों का MLL काफी खराब है। अंग्रेजी तो बच्चे जानते ही नहीं। क्लास सिक्स के बच्चों को बोडमास नहीं आता। नाइन टेन के बच्चों को सबजेक्ट- वर्ब एग्रीमेंट नहीं आता। यहां RTE के नियमों के मुताबिक शिक्षक-छात्र अनुपात का अनुपालन होता है की नहीं, भगवान जाने। सभी शिक्षक प्रशिक्षित हैं की भी नहीं, किसी को नहीं मालूम।ये तो बात हुई अध्ययन, अध्यापन की। स्कूल का एकसूत्री मिशन है पैसे कमाना, पैसे बनाना। मात्र 2 माह का शुल्क बाकी होने पर छात्र के साथ टॉर्चरिंग की जाती है, उसे अर्धवार्षिक परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया जाता है।
आइए आगे जानिए इनके बसों और अन्य वाहनों का हाल। अधिकांश वाहनों का इंश्योरेंस कबका फेल हो चुका है, कई गाड़ियां तो अपनी निर्धारित उम्र भी पार कर चुकी है। इन्हीं गाड़ियों से नौनिहालों की ढुलाई होती है। दुर्घटना होने पर आखिर कौन जिम्मेवार होगा। बसों की छत से पानी टपकता है, लेकिन एकदम समय पर शुल्क चाहिए वरना बच्चे को बस पर चढ़ने से मना कर दिया जाता है।
कई अभिभावकों ने हिंदुस्तान 24 को बताया कि स्कूल प्रबंधन लूट रहा है, मनमानी कर रहा है, इसकी संवेदना भोथरा गई है। यह स्कूल नाम बड़े दर्शन छोटे का अच्छा मिशाल बन गया है।ग्रामीण युवा सत्यम तिवारी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर विद्यालय प्रबंधन अपनी मनमानी में सुधार नहीं लाता है तो स्कूल का गेट जाम किया जायेगा। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी।