आलोक कुमार सिंह की रिपोर्ट- लातेहार, झारखंड : राज्य और वन सेवा संघ के आवाहन पर 22 दिनों से जारी वनरक्षकों की हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गई। वनरक्षक 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर थे, जिसके कारण राज्य में वन सुरक्षा से जुड़े कई कार्य बाधित हो गए थे। सरकार से सफल वार्ता के बाद अब सभी वनरक्षक अपने काम पर लौटने के लिए तैयार हैं।
पलामू ज़ोन के महामंत्री रोशन सिंह ने बताया कि झारखंड सरकार और संघ के बीच बुधवार को बातचीत सफलतापूर्वक संपन्न हुई। सरकार ने वनरक्षकों की विभिन्न मांगों को संवैधानिक तरीके से पूरा करने का आश्वासन दिया है। सिंह के अनुसार, हड़ताल का मुख्य उद्देश्य वनरक्षकों की समस्याओं और उनके हितों की सुरक्षा से संबंधित था, जिन्हें सरकार के समक्ष रखा गया था। वार्ता के दौरान, झारखंड सरकार के उप सचिव ने कहा कि वनरक्षकों की वैध मांगों को त्रिस्तरीय समिति के माध्यम से निपटाया जाएगा। यह समिति सभी मांगों का विस्तृत रूप से अध्ययन करेगी और संवैधानिक दायरे में जो भी उचित समाधान होगा, उसे वनरक्षकों को प्रदान किया जाएगा। इस समिति में राज्य के उच्चाधिकारियों के साथ संघ के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि मांगों पर सही तरीके से विचार किया जा सके।
हड़ताल के समाप्त होने से राज्य में वन सुरक्षा का काम एक बार फिर से शुरू होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीव सुरक्षा से जुड़े कार्यों को गति मिलेगी। वनरक्षकों की हड़ताल के दौरान जंगलों की सुरक्षा में कमी आई थी, लेकिन अब स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।