ISRO ने रचा इतिहास, अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट को लेकर उड़ा SSLV रॉकेट

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बार फिर नया इतिहास रचा है. श्रीहरिकोटा से इसरो ने तीसरी और अंतिम SSLV उड़ान का सफल प्रक्षेपण किया. SSLV ने अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS -08) और स्पेस रिक्शा के पहले उपग्रह SR -0 को 475 किमी की ऊंचाई पर स्थापित किया.

ISRO ने लॉन्च किया मिशन
अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय स्पेस एजेंसी यानी इसरो ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है. ISR इसरो ने अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS -08) और स्टार्टअप कंपनी स्पेस रिक्शा के SR -0 सैटेलाइट को लेकर जाने वाले भारत के छोटे प्रक्षेपण यान SSLV को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. अंतरिक्ष विकास के चरण में SSLV की तीसरी और अंतिम उड़ान है. इसके बाद रॉकेट पूर्ण परिचालन मोड में आ जाएगा.

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से SSLV को किया गया लॉंच
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह लगभग 9 बजकर 17 मिनट पर 500 किलोग्राम की क्षमता वाले SSLV ने 175.5 किलोग्राम वजन वाले माइक्रोसैटेलाइट EOS -08 को लेकर उड़ान भरी. इस सैटेलाइट का जीवनकाल एक साल तय किया गया है. इसरो के मुताबिक प्रस्तावित मिशन SSLV विकास परियोजना को पूरा करेगा. इसके बाद इसका इस्तेमाल भारतीय उद्योग और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के मिशनों के लिए किया जाएगा.

475 किमी की ऊंचाई पर रॉकेट से अलग हो जाएगा
SSLV रॉकेट मिनी, माइक्रो या नैनो उपग्रहों (10 से 500 किलोग्राम द्रव्यमान) को 500 किमी की कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम है. रॉकेट के तीन चरण ठोस ईंधन द्वारा संचालित होते हैं जबकि अंतिम वेलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल (VTM ) में तरल ईंधन का इस्तेमाल होता है. दोनों सैटेलाइट 475 किमी की ऊंचाई पर रॉकेट से अलग होंगे.

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *