अमर तिवारी की रिपोर्ट
धनबाद- कोयलांचल में कोयले का गोरखधंधा शुरू हो गया है। कोयले की मंडियां अब सजती नहीं। उद्गम या मुहाने पर रोज कुंआ खोदो और पानी सूखा दो के तर्ज पर माइंस से कोयला की खुदाई और निकासी के साथ ट्रकों की लोडिंग और अंधेरा होते ही गोविंदपुर से पंचेत तक के भट्ठों में खटाखट खाली। अंदरूनी इंतजाम ऐसा कि किसी वैध या जाली कागजात की जरूरत ही नहीं। अभी दौर कोकिंग कोल का है, ननकोकिंग का लेवल नहीं है। बाहर भेजने का कोई जोखिम नहीं।
नागदा में नगद गणेश, रामकनाली में मंगल कृपा से वशिष्ठ मुनि की बल्ले बल्ले, कतरास गढ़ में अजय चौहान का लोहा गोदाम, चैतूडीह में भी रफ्तार तेज। निरसा में रमेश के आगे कोई नहीं। अब एक अधिकारी के संबंधी ने भी निरसा में नया खेल आरंभ किया है। रिटोलिया कभी रुकता नहीं, लोयाबाद में चौहान कभी झुकता नहीं। धर्मकांटों में चालीस टन से ऊपर लदी ट्रकें शोभा बढ़ाने लगी है। पूरा कोयलांचल एक बार फिर इतिहास दुहराने की ओर अग्रसर है। जनप्रतिनिधि खामोश हैं, हल्लाबोल जगत हाथ मल रहे हैं।
कोयलांचल में बेधड़क काले हीरे की लूट की शिकायत पर हाल ही में राजधानी की स्पेशल टीम ने यहां छापेमारी की थी। इधर धनबाद की उपायुक्त ने भी हाल ही में बीसीसीएल के वरीय अधिकारियों संग बैठक कर काले हीरे की लूट पर अंकुश लगाने का दिशा निर्देश दिया था, लेकिन धरातल पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। कई धुरंधरों ने अपने काम में और तेजी ला दिया है।