दिल्ली- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में 100 दिन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए किये गए महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्धियों के उपलक्ष्य में प्रेसवार्ता कर मीडिया को जानकारी दी। सचिव कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, देवेश चतुर्वेदी और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) सचिव, डेयर तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक व मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी प्रेसवार्ता में उपस्थित थे।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और हमारे जीवन का आधार भी है। 140 करोड़ देशवासियों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना यह सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। किसान कृषि की आत्मा है और उसके प्राण भी हैं। इसलिए किसान कल्याण और कृषि के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 100 दिनों में जो लालक़िले के प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि तीसरे कार्यकाल में पहले से तीन गुणा काम करूंगा। कृषि विभाग के सभी अधिकारियों ने मेरे सहित यह संकल्प लिया था कि प्रधानमंत्री ही अकेले काम क्यों करें हम सब मिलकर काम करेंगे। पहले सौ दिनों में हमने यह प्रयत्न किया है। किसान कल्याण और कृषि के विकास की हमारी छह सूत्रीय रणनीति है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहला – उत्पादन बढ़ाना, प्रति हेक्टेयर पैदावार कैसे बढ़े? पिछले दिनों किए गए फैसलों में प्रमुख फैसला था, फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए 65 फसलों की 109 प्रजातियों के नए बीज प्रधानमंत्री ने किसानों को समर्पित किए थे जोकि जलवायु अनुकूल, कीट प्रतिरोधी और अधिक उपज वाली हैं। दूसरा – उत्पादन की लागत को घटाना, जितना जरूरी उत्पादन बढ़ाना है उतना ही ज़रूरी है कि उत्पादन की लागत में कमी कैसे आए इसका एक तरीका है कि किसानों को सस्ता फर्टिलाइजर उपलब्ध करायें। किसानों को समय पर सस्ता फर्टिलाइजर/खाद उपलब्ध हो जाए, इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि यूरिया की एक बोरी 2366 रुपए में आती है। हम किसानों को 266 रुपए में उपलब्ध कराते हैं, डीएपी की एक बोरी 2433 रुपए की आती है जिसे हम किसानों को 1350 रुपए में उपलब्ध कराते हैं।