आलोक कुमार सिंह की रिपोर्ट, रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर ग्रामसभा के अधिकारों की अनदेखी पर कड़ी आपत्ति जताई है। मरांडी ने आरोप लगाया कि राज्य की झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार बालू घाटों की नीलामी, अबुआ आवास योजना और ग्रामीण हाट बाजार की स्वीकृति जैसे महत्वपूर्ण निर्णय ग्रामसभा और पंचायत समितियों के माध्यम से कराने के बजाय जिला स्तर पर कर रही है, जिससे ग्रामसभा के अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया।
मरांडी ने अपने पत्र में कहा कि झारखंड में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए संविधान में ग्रामसभा को विशेष अधिकार दिए गए हैं। इसके बावजूद, सरकार इन अधिकारों की अवहेलना कर रही है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पंचायत प्रतिनिधियों की मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए और ग्रामसभा को उसका उचित अधिकार दिया जाए।
मरांडी ने आगे कहा कि ग्रामसभा के कमजोर होने से ग्रामीण विकास प्रभावित हो रहा है और स्थानीय स्वशासन की भावना को चोट पहुंच रही है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से विकास योजनाओं को लागू करने की पुरजोर वकालत की। गौरतलब है कि झारखंड में पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा भी कई मौकों पर यह मांग उठाई जा चुकी है कि ग्रामसभा की भूमिका को मजबूत किया जाए और नीतिगत निर्णय लेने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाए। मरांडी ने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की है, ताकि ग्रामसभा की ताकत बनी रहे और ग्रामीण क्षेत्रों का समुचित विकास हो सके।