हिंडनबर्ग रिसर्च की ताजा रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “क्या अडानी मामले की जांच इसलिए नहीं की जा रही थी क्योंकि जिसे जांच करनी थी वह कथित घोटाले में शामिल थी? सुप्रीम कोर्ट के बार-बार आदेश के बावजूद SEBI ने सक्रियता से जांच नहीं की… यह पारदर्शिता को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। यह सबसे बड़ी आपराधिक साजिश है… इस रिपोर्ट ने SEBI प्रमुख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईमानदारी को उजागर कर दिया है।”
SEBI प्रमुख माधवी बुच और उनके पति पर लगे आरोपों वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “दूध का दूध पानी का पानी अपने आप हो गया। भारत सरकार ने कोई विशेष जांच की तरफ ध्यान नहीं दिया था। हिंडनबर्ग ने ही एक और रिपोर्ट निकाली जिसमें इनका सारे कारनामे सबके सामने आ गए। ऑफशोर कंपनी में उनके निवेश सामने आ गए…जब सबकुछ सामने है तो सवाल उठता है कि माधवी बुच को जब SEBI का प्रमुख बनाया था तब क्या भारत सरकार को ये जानकारी नहीं थी? अगर नहीं थी तो ये बहुत बड़ी विफलता है… राहुल गांधी ने कहा था चौकीदार चोर है, वो साबित हो गया।”
हिंडनबर्ग रिसर्च की नवीनतम रिपोर्ट पर शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “कल आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से एक और बात साबित होती है जिसके बारे में पूरा विपक्ष बार-बार कह रहा था कि जांच होनी चाहिए…सुप्रीम कोर्ट ने खुद कहा कि SEBI ने जिस तरह से जांच की है वो संतोषजनक नहीं है और SEBI बार-बार अडानी ग्रुप की कंपनियों को लेकर समय मांग रही थी। अब ये साफ हो गया है कि सेबी के चेयरपर्सन का नाम भी इसमें शामिल है…स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।”