जामताड़ा, झारखंड : विधानसभा चुनाव को लेकर जामताड़ा सीट पर हलचल तेज हो गई है। जामताड़ा सीट पर इस बार भाजपा और कांग्रेस-झामुमो गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। पिछले गठबंधनों को देखते हुए संभावना है कि इस बार भी कांग्रेस और झामुमो संयुक्त उम्मीदवार उतारेंगे। पिछले चुनाव में कांग्रेस के इरफान अंसारी इस सीट से जीते थे और वर्तमान में झारखंड में ग्रामीण विकास मंत्री हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें फिर से टिकट दे सकती है। इस बीच भाजपा टिकट के लिए किसी मजबूत दावेदार की तलाश में जुटी हुई है।
दुबराज मंडल टिकट के दावेदार
भाजपा के कई नेता जामताड़ा सीट से टिकट के लिए लाइन में लगे हैं। इनमें दुबराज मंडल, वीरेंद्र मंडल, मनीष दुबे, बबीता झा, सुरेश राय, कमल गुप्ता और हरिमोहन मिश्रा जैसे नेताओं का नाम शामिल हैं, लेकिन जमीनी स्तर के नेता के तौर पर दुबराज मंडल की चर्चा सबसे ज्यादा है और वो भी क्यों ना ? दरअसल दुबराज मंडल संगठन में जमीनी स्तर से जुड़े नेता माने जाते हैं, जो गांव-गांव, प्रखंड और जिलास्तर पर पार्टी को मजबूती देने के लिए लगातार जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
कांग्रेस का किला ढहाएंगे दुबराज ?
जामताड़ा ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि के साथ-साथ साइबर क्राइम के गढ़ के रूप में भी पूरे देश में विख्यात है। यही नहीं राजनीतिक दृष्टिकोण से जामताड़ा विधानसभा सीट भी कई मायने में महत्वपूर्ण है। जामताड़ा विधानसभा में 1982 से अब तक कांग्रेस के एक ही परिवार के नेताओं का यहां लगातार कब्जा रहा है। बिहार सरकार में मंत्री रहे फुरकान अंसारी जामताड़ा विधानसभा सीट से लगातार पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जबकि वर्तमान समय में उनके पुत्र इरफान अंसारी लगातार 10 वर्षों से जामताड़ा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जिस कारण यह माना जा सकता है कि जामताड़ा जिला कांग्रेसियों का अभेद किला है। जिसे एक ही परिवार के सदस्य बचाए हुए हैं। यही नहीं इसे ध्वस्त करने के लिए विरोधियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी, लेकिन कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने के लिए बीजेपी के मजबूत दावेदार के तौर पर दुबराज मंडल लगातार रणनीति बनाने में जुटे हैं कि कैसे यहां कमल खिलाया जा सके।