हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर देश में सियासी सरगर्मी जारी है। इस बीच भाजपा के नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेताओं ने सीधे तौर पर इसे देश के खिलाफ साजिश का हिस्सा बताया। हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, “कांग्रेस और विपक्षी दल लगातार कोशिश करते हैं कि दुनिया के सामने भारत के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाए। लोकसभा चुनाव के दौरान भी इन्होंने EVM की निष्पक्षता को लेकर और चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर प्रश्न खड़ा किया है… यह भी किसी षडयंत्र का हिस्सा है।”
हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, “भारत के लोगों द्वारा ठुकराए जाने के बाद, कांग्रेस पार्टी, उसके सहयोगियों और टूलकिट गिरोह ने मिलकर भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने की साजिश रची है? हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई है, रविवार को हल्ला मचता है ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर कर दिया जाए…शेयरों के मामले में भी भारत एक सुरक्षित, स्थिर और आशाजनक बाजार है। यह सुनिश्चित करना SEBI की कानूनी जिम्मेदारी है कि बाजार सुचारु रूप से चले…जब SEBI ने जुलाई में अपनी पूरी जांच पूरी करने के बाद, जो कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की गई थी, हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया, तब अपने बचाव के पक्ष में कोई जवाब दिए बिना उन्होंने यह हमला किया है, यह बेबुनियाद हमला है”…
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में भारत की विकास की रफ्तार बहुत तेजी आगे बढ़ी है… दुनिया के कुछ लोग या देश के कुछ लोग जो भारत के विकास को रोकना चाहते हैं, वे ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित कराते हैं…ये बेबुनियाद आरोप है।”
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, “…ऐसे हिंडनबर्ग जिस पर अमेरिका में भी डिसएप्वाइंटमेंट का केस चल रहा है उसकी ऐसी एक रिपोर्ट जिसमें पूरी तरीके से झूठ परोसा गया है उसको आधार बनाते हुए भारत की अर्थव्यवस्था में पैनिक क्रिएट करना..जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी इससे पहले जो रिपोर्ट आई थी उससे कूड़े की डिब्बे में डालने का काम किया था…तो आज राहुल गांधी और उनके जमात सुप्रीम कोर्ट पर सवाल खड़े कर रहे हैं क्या?..जब भी संसद का सत्र आस-पास आता है तो ये लोग एक विदेशी रिपोर्ट लेकर आते हैं और उसको लेकर एक मुद्दा खड़ा किया जाता है…उनके नेता कहते ही हैं कि जैसी बांग्लादेश की स्थिति है वैसे भारत की भी होनी चाहिए… तो क्या भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने का ये षड्यंत्र रचा जा रहा है?..”