चंपई सोरेन के बगावत के साथ ही झारखंड की राजनीति उफान पर है। वहीं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झामुमो पर जमकर निशाना साधा।
बाबूलाल मरांडी ने कहा- “झामुमो में परिवारवाद, तानाशाही, बाहरी लोगों का पूर्णतः नियंत्रण होने के कारण झामुमो को खड़ा करने वाले आंदोलनकारी नेताओं का मोहभंग हो चुका है। झारखंड आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेताओं को पार्टी के अंदर उपेक्षित और अपमानित किया जा रहा है”।
साथ ही बाबूलाल मरांडी ने कहा- “जल-जंगल-जमीन के मूल सिद्धांतों से विमुख हो चुकी झामुमो अब एक डूबता जहाज है। पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र खत्म होने और दलाल बिचौलियों का वर्चस्व स्थापित होने के कारण शीघ्र ही एक-एक कर सारे आंदोलनकारी नेता और कार्यकर्ता झामुमो छोड़ जाएंगे”।
बाबूलाल मरांडी ने कहा- “चंपई जी, लोबिन जी जैसे सीनियर आंदोलनकारी नेताओं का अपमान से आहत होकर एक-एक कर पार्टी छोड़ जाना यह बताता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा अब आंदोलनकारियों की पार्टी नहीं बल्कि बाप-बेटे की प्राईवेट लिमिटेड कंपनी बन कर रह गई है। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लोक कल्याणकारी कार्यों और भाजपा की नीतियों में निष्ठा व्यक्त करने वाले झारखंड आंदोलनकारी, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जी का भाजपा परिवार में हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है”!
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा-“आदिवासियों के बीच में सिर्फ वोट की राजनीति करना स्वीकार्य नहीं है। नीति और सिद्धांत के साथ पूरे देश में आदिवासियों की दृष्टि रखनी चाहिए। सत्ता लोलुपता के लिए एक आदिवासी को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाना निंदनीय है।आदरणीय चंपई सोरेन जी समस्त देश में आदिवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए भाजपा में आ रहे हैं”।