‘भ्रम की राजनीति कर रहे केजरीवाल’
दिल्ली-भारतीय जनता पार्टी की सांसद ने कमलजीत सहरावत और एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने AAP सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में जाट आरक्षण पर चर्चा तक नहीं की, लेकिन अब भ्रम की राजनीति कर रहे हैं। कुलजीत सिंह चहल कहा कि अरविंद केजरीवाल के वादे मात्र चुनावी जुमले हैं, वे जब भी किसी मुद्दे पर फँसते हैं, तो दिल्ली की जनता को गुमराह करने का प्रयास करते हैं। जनता इनके चुनावी जुमलों को पहचान चुकी है और इन्हें करारा जवाब देगी।
‘झूठ और भ्रम का नया जाल बिछाने की कोशिश’
वहीं कमलजीत सहरावत ने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी हर दिन प्रदेश में झूठ और भ्रम का नया जाल बिछाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने 5 जनवरी 2025 को चिट्ठी लिखकर कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा दिल्ली के जाटों को आरक्षण प्रदान नहीं किया गया है। यह एक संवैधानिक विषय है। विगत 10 वर्षों से दिल्ली की पूर्ण बहुमत वाली सरकार ने इस विषय को कभी भी विधानसभा और सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं उठाया। 5 जनवरी को मुख्यमंत्री आतिशी ने अचानक से एक चिट्ठी लिखी और इस विषय को उठाया। अपने आप को सबसे पढ़ा लिखा मुख्यमंत्री बताने वाले केजरीवाल जी को यह पता होना चाहिए कि किसी भी वर्ग और जाति को आरक्षण देना प्रदेश सरकार का कार्य होता है। किसी भी वर्ग और जाति को आरक्षण देने के लिए सबसे पहले विधानसभा में प्रस्ताव को पारित कराना होता है, जिसके बाद कैबिनेट नोट तैयार किया जाता है। उस कैबिनेट नोट को केंद्र सरकार के पास भेजकर, निवेदन किया जाता है कि इस जाति या वर्ग को आरक्षण प्रदान किया जाए।
‘केजरीवाल को यह नाटक बंद कर देना चाहिए’
भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस विषय को लेकर दिल्ली विधानसभा में कोई चर्चा ही नहीं की। आम आदमी पार्टी को छोड़ने वाले और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत ने इस विषय को स्पष्ट किया है कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली के जाटों को केंद्रीय आरक्षण में शामिल कराने की प्रक्रिया को शुरू करने की बात कही थी। दिल्ली में जाटों के नाम पर राजनीति करने वाली आम आदमी पार्टी ने विधानसभा में जाटों के हक की आवाज को कभी नहीं उठाया। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के जाटों को उनका हक नहीं दिया और अब दिल्ली में भ्रम की राजनीति कर रही है। दिल्ली का जाट इस बात को समझ चुका है कि उनको आप सरकार के कारण ही आरक्षण नहीं मिला है। जब भाजपा सत्ता में नहीं थी, तब भी भाजपा ने कई बार केंद्र की यूपीए सरकार से दिल्ली को आरक्षण देने की मांग की थी। जाटों का केंद्रीय आरक्षण में शामिल न होने का एकमात्र कारण दिल्ली में 10 वर्षों से रही अरविंद केजरीवाल की सरकार है। 5 जनवरी को अचानक चिट्ठी लिखकर इस विषय को उठाया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह नाटक बंद कर देना चाहिए, क्योंकि उनकी ही सरकार ने इस प्रक्रिया को शुरू नहीं किया। मात्र चिट्ठी लिखने से आरक्षण नहीं मिलता है, यह देश के संविधान में अंकित है।