हरियाणा में चौधरी देवीलाल के परिवार से बीजेपी का किनारा

हरियाणा में चौधरी देवीलाल के परिवार से बीजेपी का किनारा

हरियाणा में भाजपा ने लोकसभा चुनाव से सबक लेते विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति बदली है. हरियाणा में बीजेपी अभी तक पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के परिवार को तरजीह देती आ रही थी. लेकिन बीजेपी अब पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजन लाल और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के परिवारों पर ज्यादा भरोसा दिखा रही है.

रणजीत चौटाला का कट गया टिकट
बीजेपी ने रानियां से दावेदार चौधरी देवीलाल के पुत्र रणजीत चौटाला का टिकट काट दिया है.वहीं डबवाली में देवीलाल के पौत्र आदित्य पर संकट मंडरा रहा है. टिकट कटने के पूर्वाभास पर मार्केटिंग बोर्ड का चेयरमैन पद छोड़कर आदित्य अब इनेलो के संपर्क में है.

बंसीलाल और भजन लाल के परिवार पर भाजपा का भरोसा
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं बंसीलाल की बहू किरण चौधरी को पार्टी राज्यसभा भेज चुकी. वहीं पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को तोशाम विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है.
भजनलाल के परिवार से दो लोगों को टिकट
बीजेपी भजन लाल के पौत्र भव्य बिश्नोई को आदमपुर और भतीजे दुड़ाराम बिश्नोई को फतेहाबाद से दोबारा चुनावी मैदान में उतारा है. कुलदीप बिश्नोई के नजदीकियों में शामिल रणधीर पनिहार को नलवा, मनमोहन भड़ाना को समालखा और रणबीर गंगवा को बरवाला से टिकट दिया है.

2019 में बीजेपी ने देवीलाल परिवार की मदद से बनाई सरकार
2019 के विधानसभा चुनाव के बाद बहुमत के जादुई आंकड़े से चूकी भाजपा की सरकार बनवाने में चौधरी देवीलाल के चौटाला परिवार ने अहम भूमिका निभाई थी.रानियां से निर्दलीय विधायक बने रणजीत सिंह चौटाला ने न केवल सबसे पहले अपना समर्थन भाजपा को दिया, बल्कि पांच अन्य निर्दय विधायकों को भी अपने साथ लाकर सरकार गठन का रास्ता साफ कर दिया. इसके अलावा दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी से गठबंधन में अहम भूमिका निभाई. भाजपा ने रणजीत चौटाला को कैबिनेट मंत्री तो बनाया ही, लोकसभा चुनाव में भी कुलदीप बिश्नोई की दावेदारी को दरकिनार कर उन्हें हिसार में प्रत्याशी बना दिया. नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं आए. इसके बाद चौटाला परिवार के नुमाइंदों से भाजपा का भरोसा कम होता चला गया.

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