कुजरूम के ग्रामीणों को पुनर्वास का मिला है सुनहरा अवसर, सरकार देगी 15 लाख की सहायता राशि

कुजरूम के ग्रामीणों को पुनर्वास का मिला है सुनहरा अवसर, सरकार देगी 15 लाख की सहायता राशि

आलोक कुमार सिंह की रिपोर्ट
लातेहार, झारखंड : झारखंड सरकार ने लातेहार जिले के गारू प्रखंड के कुजरूम गांव के 56 आदिवासी परिवारों को पुनर्वास का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। सरकार की इस पहल के तहत ग्रामीणों को दो विकल्प दिए गए हैं, जिससे वे कहीं और बेहतर जीवन बसा सकें। यह योजना राज्य सरकार द्वारा आदिवासी समुदाय के जीवन स्तर को सुधारने और उनके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।

कुजरूम गांव गारू प्रखंड मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित है और यह गांव आज भी बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। लंबे समय से इन समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों की जीवनशैली में सुधार लाने के लिए सरकार ने वन विभाग से मिल कर पुनर्वास का निर्णय लिया है। अधिकारियों का मानना है कि वन ग्राम की दुर्गम स्थिति के कारण सरकार चाहकर भी वहां आवश्यक सुविधाएं नहीं पहुंचा पा रही है, इसलिए कुजरूम गांव के ग्रामीणों को पुनर्वासित करना ही एकमात्र विकल्प है। सरकार ने पुनर्वास के लिए दो विकल्प प्रदान किए हैं। पहले विकल्प के तहत, प्रत्येक परिवार को 15 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, जिससे वे अपनी पसंद के किसी भी स्थान पर जमीन खरीदकर नया घर बना सकते हैं।

दूसरा विकल्प यह है कि वन विभाग उन्हें 2 हेक्टेयर जमीन प्रदान करेगा, साथ ही वहां आवास, बिजली, पानी और सड़क की सभी बुनियादी सुविधाएं भी दी जाएंगी। यह योजना आदिवासी परिवारों की जीवनशैली को बेहतर बनाने और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की गई है। अब तक इस योजना के तहत प्रथम चरण में 23 परिवारों को पोलपोल गांव में पुनर्वासित किया जा चुका है। शेष 33 परिवारों के पुनर्वास की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है और बहुत जल्द इन्हें भी स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इस संबंध में दक्षिण वन प्रमंडल के डीएफओ कुमार आशीष ने बताया, “सरकार की यह योजना आदिवासी समुदाय के लिए एक बड़ा अवसर है। सभी आदिवासी परिवारों को जरूरी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे उनका जीवनस्तर सुधरेगा और वे बेहतर जीवन जी सकेंगे।”

कुजरूम गांव के ग्रामीणों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि वर्षों से वे मूलभूत सुविधाओं की कमी से परेशान थे, लेकिन अब सरकार की इस पहल से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा और उनके बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा।

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