बिहार में भूमिहार को लेकर क्यों मचा है सियासी घमासान

बिहार में भूमिहार को लेकर क्यों मचा है सियासी घमासान

बिहार सरकार में वरिष्ठ मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रिय अशोक चौधरी के एक बयान ने सूबे की सियासत में बवाल मच गया . मंत्री अशोक चौधरी ने भूमिहारों के गढ़ कहे जाने वाले जहानाबाद में जेडीयू के कार्यालय के उद्घाटन के दौरान भूमिहार जाति पर ऐसा बयान दिया जिसके बाद से बिहार की सियासत में उबाल आ गया है. जहानाबाद में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि “मैं भूमिहार जाति को अच्छे से जानता हूं. जब लोकसभा चुनाव हुआ तो इस जाति के लोग नीतीश कुमार का साथ छोड़कर भाग गए.” उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी उम्मीदवार ने लोगों के दरवाजे पर दो-तीन बार दस्तक नहीं दी तो उसे ख़राब माना जाता है लेकिन अगर वही उम्मीदवार भूमिहार जाति का हो और उसने यह काम कभी नहीं किया हो तो भी उसे अच्छा माना जाता है.

जहानाबाद में हार के लिए भूमिहार जाति को ठहराया जिम्मेदार
अशोक चौधरी ने जहानाबाद लोकसभा चुनाव में जेडीयू की हार का ठीकरा भूमिहार समाज पर फोड़ दिया.उन्होंने कहा कि भूमिहार समाज ने पार्टी को वोट नहीं दिया. अब उन्हें विधानसभा चुनाव में मौका नहीं मिलेगा.अशोक चौधरी के इस बयान पर पार्टी के अंदर ही सवाल उठने लगे हैं.

डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने अशोक चौधरी पर साधा निशाना
बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी के बयान पर इशारों-इशारों में निशाना साधा. विजय सिन्हा ने कहा कि भूमिहार जाति नहीं एक कल्चर है और यह कल्चर भूमि पर रहने का और भूमि से जुड़ने का, जमीन पर रहने का और जमीनी हकीकत को जानने की ताकत देता है. डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने अशोक चौधरी का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि जाति की राजनीति करने वाले कभी न जमात के हितैषी हैं और न राष्ट्र के. इस तरह की मानसिकता का कोई भी पढ़ा-लिखा व्यक्ति नहीं रख सकता है.

जेडीयू प्रवक्ता ने अपने ही मंत्री पर बोला हमला 
अशोक चौधरी के बयान पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी ने पार्टी और नीतीश कुमार की नीति के खिलाफ बयान दिया है.अशोक चौधरी की पार्टी के निर्माण में कोई भूमिका नहीं है. अशोक चौधरी पर तंज कसते हुए नीरज कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अशोक चौधरी कटिहार के प्रभारी थे, वे कितने दिन चुनाव प्रचार में शामिल हुए ? जेडीयू वहां चुनाव भी हार गई. जेडीयू में टिकट के लिए परिवार को प्राथमिकता नहीं मिलती है. कोई किसी को टिकट नहीं दिला सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि अशोक चौधरी के बयान से जेडीयू कार्यकर्ता आहत हुए हैं.

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