विकास के नाम पर धनबाद का हुआ विनाश, आखिर जिम्मेवार कौन? आबादी बढ़ी पर सुविधा सिफर

विकास के नाम पर धनबाद का हुआ विनाश, आखिर जिम्मेवार कौन? आबादी बढ़ी पर सुविधा सिफर

अमर तिवारी की रिपोर्ट
धनबाद : झारखंड अलग राज्य बने ढाई दशक हो चले। धनबाद में भाजपा का दबदबा रहा। कुछ वर्ष को छोड़कर यहां सांसद और विधायक दोनों सीटों पर इनका कब्जा रहा। केंद्र में भी 2014 के बाद से इनकी सरकार कायम है। झारखंड में भी ज्यादा समय भाजपा का ही राज रहा, लेकिन जनसुविधाओं के मामले में धनबाद पूरी तरह महरूम रहा। रेल, एयरपोर्ट, स्वास्थ्य संस्थान, फ्लाईओवर, सीवरेज जैसी कई अन्य सहूलियतों से धनबाद पूरी तरह वंचित रह। आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन लोग हैं ?

इस दरम्यान सिंधी, गुजराती और सिखों का पलायन हुआ। बसा बसाया सिंदरी उजड़ा। इस दौरान कोयले का सिर्फ दोहन हुआ, लोग विस्थापित हुए। भकोकोलि की कोलियरियों से मैनपॉवर गायब हुआ, आबादी के साथ ट्रैफिक की समस्या बढ़ी। एक से तीन एसपी हो गए, थाना अपग्रेड हुए, लेकिन यहां का उस अनुपात में विकास नहीं हुआ। हां जनप्रतिनिधियों का अनअपेक्षित विकास जरूर हुआ। उल्टे कई जोड़ी ट्रेनें छीन ली गयी। पूरे देश में नई इमारत, अस्पताल, कॉलेज बन रहे हैं। यहां ओबी पत्थर से कृत्रिम पहाड़ बन रहे हैं, जो सड़क मार्ग तक पहुंच गईं हैं। पूरे देश में नए एयरपोर्ट बन रहे हैं। यहां पूर्व से जो हवाई पट्टी थी वह भी बंद हो गया।

पूरे देश में मेडिकल कालेज में सीट बढ़ रही हैं। धनबाद के इकलौते मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हमेशा सीटें कम करने की तलवार लटकी रहती है। देश को धनबाद रेल मंडल सबसे ज्यादा राजस्व देता है, लेकिन कोई नई रेल गाड़ी मिली नहीं और जो पुरानी थी, उसमें से भी कुछ को हटा दिया गया है। पूरे देश को अपने कोयले से रोशन करने वाला धनबाद बिजली कटौती से परेशान है।

देश का सबसे प्रदूषित शहर धनबाद में स्वास्थ्य सेवा के नाम पर कुछ नहीं है। एम्स की जरुरत यहां थी लेकिन बना देवघर में। 50 साल पहले एक फ्लाईओवर धनबाद में बना है। आज तक दूसरा नहीं बना। जबकि देश के हर बड़े शहर में फ्लाईओवर का जाल बिछाया जा रहा है। राजधानी एक्सप्रेस शुरू हुई तो धनबाद को मिली। शताब्दी एक्सप्रेस शुरू हुई तो धनबाद को मिली। आज वंदे भारत रेल शुरू हुई, लेकिन धनबाद को नहीं मिली।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *