अमर तिवारी की रिपोर्ट
धनबाद, झारखंड : धनबाद के बाघमारा पुलिस अनुमंडल मुख्यालय से कोई पांच किलोमीटर दूर स्थित सुरहीटांड़ इन दिनों सुर्खियों में है।दिनदहाड़े डंके की चोट पर व्यापक पैमाने में दो नम्बरी कोयले का भंडारण और जाली कागजात के सहारे सफाया किया जा रहा है।शक्ति चौक से मात्र एक किलोमीटर। शक्ति चौक के समीप पेट्रोल पंप के बगल से एक पक्की ग्रामीण सड़क सुरहीटांड़ जाती है। आधा किलोमीटर जाने के बाद कई बड़े बड़े आहाते हैं।
अहातों के सामने सड़क को खोदकर ही वजन के लिए नापतौल का कांटा सेट किया गया है। बाइक में कोयला लादकर आओ और बाइक चढ़ाओ, सेकंड भर में वजन। ढाई तीन रुपये किलो के हिसाब से पैसे लो और हवा हो जाओ। ये खेल दिनभर चलता रहता है। दिन के उजाले में बेख़ौफ़ कोयले का कारोबार। ऊपर से बतौर सुरक्षा प्रहरी तेतुलमारी पुलिस की पहरेदारी। थानेदार आता है, लोड ट्रक गिनता है और फुर्र हो जाता है। कलियुग का लवकुश घुस यानी हुशमनी से बमबम है। रात को हाइवा से ग्रामीण सड़क बाप बाप करती है, ऊपर से 14 और 16 चक्का ट्रक पर चालीस-पचास टन इस्टीम कोयले का बोझ।
कोयला माफियाओं की रंगदारी के सामने निरीह ग्रामीण चूं तक नहीं कर सकते। ये शहीद शक्तिनाथ महतो की कर्म और जन्मभूमि है, जिनकी जान माफियाओं ने ही ली थी, आज उनके इलाके में ग्रामीणों की भावना को रौंदा जा रहा है। लूट संस्कृति का विरोध करने वाले शक्तिनाथ महतो की धरती को लूट का चारागाह बना दिया गया है।कोयला माफियाओं की करतूत से आज सुरहीटांड़ की मिट्टी फिर एकबार काली हो गयी है।
पुलिस प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधि, क्या किसी को नहीं मालूम कि बिनोद बाबू और शक्तिनाथ महतो की रत्नगर्भा धरती को दोनों हाथों से लूटकर खोखला किया जा रहा है। पूरी दबंगई से शासन प्रशासन और पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए रेलवे वैगन की तरह लोडिंग और डिस्पेच का काम किया जा रहा है। इस गिरोह में बड़े और दबंग किस्म के कोयला तस्कर शामिल बताए जाते हैं। विरोध करने वालों को धरती लाल करने की धमकियां दी जाती है। आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि वहां कभी भी अनहोनी हो सकती है, जो बाद में सरकार के लिए सरदर्द बन सकता है।