झारखंड के सियासी गलियारों में एक ऐसा तूफान उठा है, जिसे समय पर शांत नहीं किया गया तो झारखंड मुक्ति मोर्चा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कयासों का बाजार गर्म है। चर्चा इस बात की है कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपनी सरकार से नाराज चल रहे हैं। अगर ऐसा नहीं है तो फिर इसकी चर्चा क्यों हो रही है कि चंपई सोरेन बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
इस खबर की कितनी सच्चाई है और यह अफवाह है या फिर वाकई चंपई सोरेन भविष्य का खाका तैयार कर रहे हैं। क्या चंपई सोरन ने अपने ही सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर लिया है ? या फिर वह एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं ? इन सवालों का जवाब खुद चंपई सोरेन ने मुस्कुराते हुए दिया।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और JMM नेता चम्पई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने की अफवाहों पर कहा, “क्या अफवाहें हैं, नहीं हैं, यह हमें नहीं पता। हमें खबर ही नहीं पता है तो हम सच, झूठ का क्या आंकलन करेंगे। हमें कुछ नहीं पता है… हम जहां हैं वहीं हैं…”
चंपई सोरेन ने बड़ी ही बेबाकी से सवालों का जवाब दिया। हालांकि उन्होंने यह खुलकर नहीं कहा कि वह बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं। आप सोच रहे होंगे कि आखिर चंपई सोरेन की क्या नाराजगी हो सकती है ? तो सीधी सी बात है महज कुछ महीने मुख्यमंत्री रहे चंपई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा था। हेमंत सोरेन फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री बने। ऐसे में हो सकता है कि चंपई सोरेन को इस बात का मलाल रहे कि उन्हें कुछ महीनों के बाद मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया। ऐसे में चंपई सोरेन की नाराजगी दूर नहीं की गई तो कहीं इसका खामियाजा झारखंड मुक्ति मोर्चा को न चुकानी पड़े।
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