केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंडिया रैंकिंग 2024 जारी किया.इसमें 2015 में शिक्षा मंत्रालय की ओर से इस उद्देश्य के लिए तैयार किए गए राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) का उपयोग किया गया है. उच्च शिक्षण संस्थानों में IIT मद्रास पहले स्थान पर बरकरार है.इस अवसर पर उच्च शिक्षा सचिव श्री के. संजय मूर्ति; यूजीसी के प्रो. एम जगदीश कुमार; एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम; एनईटीएफ के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे; एनबीए के सदस्य सचिव डॉ. अनिल कुमार नासा; उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव, श्री सुनील कुमार बरनवाल; संयुक्त सचिव श्री गोविंद जायसवाल; अन्य संस्थानों के अध्यक्ष, प्रमुख और अन्य शिक्षाविद आदि उपस्थित थे.
धर्मेंद्र प्रधान ने किया संबोधित
धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि रैंकिंग, रेटिंग और मान्यता राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की एक महत्वपूर्ण सिफारिश है. उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि एनआईआरएफ रैंकिंग एनईपी की भावना को गहराई से प्रतिबिंबित करती है. केंद्रीय मंत्री ने उन सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बधाई दी जिन्होंने शिक्षण, नवाचार, अनुसंधान, स्नातक परिणामों और अन्य मापदंडों में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है.
शैक्षणिक संस्थानों के गुणवत्ता पर जोर
केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि किसी शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता, प्रदर्शन और सामर्थ्य को जानना छात्रों और अभिभावकों का अधिकार है. इसलिए, देश के सभी 58,000 उच्च शिक्षा संस्थानों को रैंकिंग और रेटिंग ढांचे के तहत लाना चाहिए.
प्रधान ने कहा कि रोजगार और कौशल प्राथमिकता है. उन्होंने यह भी बताया कि हमारी रैंकिंग व्यवस्था में एक मानदंड के रूप में कौशल को भी शामिल किया जाना चाहिए.प्रधान ने भारतीय शिक्षा जगत के सभी प्रमुखों से रैंकिंग ढांचे के तहत आने, महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने और भविष्य के संस्करणों में उच्च रैंकिंग के लिए प्रयास करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आइए, हम सब मिलकर विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए शैक्षिक उत्कृष्टता का माहौल बनाएं.
नई शिक्षा नीति में नवाचार को शामिल करने का स्वागत
डॉ. सुकांत मजूमदार ने देश के शैक्षणिक संस्थानों के लिए समावेशिता और नवाचारों को केंद्र में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पेश करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा आने वाले समय में उनके समग्र मानकों में सुधार लाएगी डॉ. मजूमदार ने कहा कि एनआईआरएफ की शुरुआत के साथ ही शोध, छात्र कल्याण, प्रकाशन आदि को भी महत्व दिया गया है.