कई मामलों में नामजद कुख्यात पिंटू को नीरज सिंह हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

कई मामलों में नामजद कुख्यात पिंटू को नीरज सिंह हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

अमर तिवारी की रिपोर्ट 

कोयलांचल धनबाद की बहुचर्चित पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में जेल में बंद जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पिंटू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी है।

गैंगस्टर अमन सिंह हत्याकांड में आरोपित होने के कारण अभी वह जेल से निकल नहीं पायेगा। मामले में जैनेंद्र पिछले सात साल से जेल में बंद है। नीरज सिंह हत्याकांड में दर्जन भर आरोपितों में पहली बार किसी को जमानत मिली है। पिंटू चर्चित मनिंदर मंडल हत्याकांड में भी आरोपी था। स्व सुरेश सिंह की गाड़ी में बरटांड़ के पास बम फेंकने के एक मामले में भी वह नामजद अभियुक्त था।पिंटू मेंशन परिवार के खास में से बताया जाता है।

पिंटू सिंह दूसरी बार बेल के लिए पहुंचा था सुप्रीम कोर्ट

जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह का बेल पिटीशन पूर्व में धनबाद सेशन कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक खारिज हो चुका था। पिंटू सिंह की ओर से दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट में बेल पिटीशन दाखिल किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्रतिवादी को नोटिस जारी किया गया था। तीन महीना बीतने के बाद भी इस पर जवाब नहीं मिला है। एक नागरिक के व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में अभियोजन से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है। ऐसे मामलों में समय पर जवाब दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता सात से जेल में बंद है। इसलिए बेल पिटीशन मंजूर किया जाता है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट से बेल मिलने के बाद भी पिंटू अभी जेल से बाहर नहीं निकल पायेगा। क्योंकि वह गैंगस्टर अमन सिंह मर्डर केस में भी आरोपित है। सीआईडी ने मामले में पिंटू को भी आरोपी बनाया है। इस मामले में रांची सीआईडी की स्पेशल कोर्ट से पिछले महीने पिंटू का बेल पिटीशन खारिज हो गया था। पिंटू सिंह फिलहाल जमशेदपुर घाघीडीह जेल में बंद है। धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की हुई हत्या में पिंटू सिंह की जमानत याचिका रांची सीआईडी के विशेष न्यायालय से 16 जुलाई को खारिज हुआ था। अब अमन सिंह हत्याकांड में जमानत मिलने तक पिंटू सिंह को जेल में ही रहना पड़ेगा।

21 मार्च 2017 की शाम हुई थी चार लोगों की हत्या 

धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को सरायढेला स्टील गेट के समीप 21 मार्च 2017 की शाम गोलियों से भून दिया गया था। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह 21 मार्च 2017 की शाम अपनी फॉर्च्‍यूनर गाड़ी जेएच10एआर-4500 से झरिया से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। नीरज गाड़ी में ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठा था। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की फॉर्च्‍यूनर की स्पीड कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी गाड़ी को चारों तरफ से घेर फायरिंग करना शुरु कर दिया था। चारों तरफ से नाइन एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 50 से अधिक राउंड फायरिंग की गई। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी। गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो की मौके पर ही मौत हो गई थी। नीरज की हत्या में अत्याधुनिक आर्म्स का इस्तेमाल किया गया था। फॉर्च्यूनर सवार एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह को निशाना बनाकर 70 से अधिक गोलियां चलाई गयी थीं। नीरज सिंह की बॉडी से 17 गोलियां निकाली गयी थीं, जबकि 36 जख्म के निशान मिले थे।

एक्स एमएलए संजीव सिंह समेत 11 आरोपित जेल में

नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने मामले में संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करायी थी। नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने 11 अप्रैल 2017 को सरायढेला पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था। पुलिस इस मामले 11 अप्रैल को नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह, राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी, संजय सिंह व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को जेल भेजा था। बाद में घनुडीह निवासी बिनोद सिंह को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया। इसके बाद यूपी पुलिस ने इस मर्डर में शामिल उत्तर प्रदेश के शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह, अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह को बारी-बारी से अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंपी थी। ये सभी झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद है।धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या कर दी गयी थी।

राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि के पकड़े जाने के बाद मिले अहम सुराग

नीरज मर्डर केस में पुलिस को राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि की गिरफ्तारी के बाद अहम सुराग हाथ लगे थे। डब्ल्यू पर यूपी से आये शूटरों को किराये का मकान दिलाकर ठहराने का आरोप है।पुलिस ने नीरज सिंह मर्डर केस में पहले राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी ( संजीव सिंह का प्राइवेट बॉडीगार्ड), संजय सिंह ( स्वर्गीय रंजय सिंह का भाई व एमएलए संजीव के अनुसेवक) व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह ( सिंह मैंशन के करीबी) को अरेस्ट कर जेल भेजी। अभी संजीव सिह रांची के रिनपास में इलाजरत हैं।

केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी पुलिस

पुलिस अभी तक इस केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी है। पुलिस के पास संतोष सिंह उर्फ नामवर की फोटो तक नहीं है। हालांकि इस केस में नामवर का नाम पंकज सिंह के साथ शूटरों को लाने में शामिल था। संतोष उर्फ नामवर की तलाश में पुलिस बिहार व यूपी में कई बार दबिश दे चुकी है। बलिया व कैमूर के चक्कर लगा चुकी है। लेकिन पुलिस को संतोष नहीं मिला। पुलिस की जांच में पता चला था पंकज सिंह के आदेश पर संतोष ने सारे शूटरों को लाइनअप किया था। संतोष पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसके बाद आज तक पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाई है।

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