अमर तिवारी की रिपोर्ट
धनबाद के पुलिस महकमे में एक तिकड़ी है। ये थ्री एच है। पहला H हेड है यानी माथा, दूसरा H हार्ट है, मतलब जिगर और तीसरा H हैंड है यानी हाथ। पहला माथा मतलब दिमाग तो बड़े साहब का है। दूसरे में जिगर मतलब कलेजा, ये डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर के पास है। तीसरे नंबर पर बड़े साहब का दाहिना हाथ गोविंदपुर के थानेदार रविकांत प्रसाद हैं। शातिराना अंदाज में जिले में कोयले का दो नम्बरी खेल चल रहा है। बगैर किसी कागजात के कोयले की दनादन ढुलाई हो रही है। गोविंदपुर के रतनपुरा स्थित एक भट्ठे का मालिक रोज मलाई चाभ रहा है। लाइजनर दाहिना हाथ ही है। इस ओर से ध्यान भटकाने के लिए ही कोयले की लूट और गांजे पर छापा मारा जा रहा है। कभी सुदामडीह में तो कभी तेतुलमारी में गांजा के पैकेट पकड़े जा रहे हैं। इसी तरह कभी साइबर अपराधियों को दबोच कर पीसी हो जाती है।
जिले की बात करें तो बाघमारा पुलिस अनुमंडल के केसरगाढा, नागदा, सोनारडीह और कतरास कोकिंग कोल के खरीदारों को संभालने के लिए सक्षम है। ऐसे में ननकोकिंग की बात करना बेमानी है। अभी के धंधे में सिर्फ 14 चक्का ट्रक अलाउड है। जितना चाहो लाद लो और फुर्र हो जाओ। बाहर जाने पर मनाही है। सारे जनप्रतिनिधियों के मुंह पर फेविकॉल चिपका है। हल्ला करने वाले भी दबी जुबान से सिर्फ फुसफुसाते हैं कि कुछ नहीं भेंटा रहा है।लेकिन काम चल रहा है।
अरे भाई जहां दिमाग, दिल और हाथ का साथ मिल जाये, वहां भला क्या नहीं हो सकता। हां अभी की व्यवस्था में एक चीज अच्छा है कि अग्रिम सुरक्षा राशि लेकर कोई हेराफेरी नहीं है। प्रति ट्रक के हिसाब से तय राशि 80 हजार कटता चला जायेगा। विधि व्यवस्था साहब का पौ बारह पच्चीस है। अपने जात बिरादरी के अवर निरीक्षकों की पोस्टिंग भी करा लेते और क्या चाहिए ? गोविंदपुर को मजा ही मजा है, सारा काला हीरा उधर के रास्ते से ही गुजरता है सो पासिंग में भी मौज और साथ में रतनपुर और गोविंदपुर भाई भाई।