दिल्ली: नीति आयोग की बैठक थी तो बखेड़ा तो खड़ा होना ही था। सात राज्यों के मुख्यमंत्री ने बैठक से दूरी बना ली, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अपनी ममता को रोक न सकी। ममता बनर्जी अपनी बात रखने के लिए नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं, लेकिन बखेड़ा तो उस समय खड़ा हुआ जब मीटिंग के कुछ देर बाद ही ममता बनर्जी बाहर आ गईं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “विपक्ष द्वारा शासित राज्यों से सिर्फ मैं ही गई थी, उन्हें तो मुझे 30 मिनट समय देना चाहिए था, मैं उतनी नासमझ नहीं हूं कि अपना समय प्रबंधन न करती, बैठक की शुरुआत में राजनाथ सिंह ने कहा कि 5-7 मिनट में सब अपनी बात रखें लेकिन मुझे तो 7 मिनट भी बोलने नहीं दिया गया। अपने लोगों को 20 मिनट दिया गया और बाकी लोगों को 0, मैंने बैठक का बहिष्कार करके ठीक किया, मैं उन्हें बंगाल का अपमान करने नहीं दूंगी। अन्य राज्यों में जो विपक्षी पार्टियां सरकार चला रहे हैं उनके साथ मैं मजबूती से खड़ी हूं।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “…चंद्रबाबू नायडू ने बैठक(नीति आयोग की बैठक) में 20 मिनट तक अपनी बात रखी, असम, अरुणाचल, छत्तीसगढ़ और गोवा के मुख्यमंत्रियों ने भी 15-20 मिनट तक अपनी बात रखी लेकिन मैंने केवल 5 मिनट बात की और मुझे घंटी बजाकर रोकना शुरू कर दिया गया, मैंने कहा ठीक है अगर आप बंगाल की बात नहीं सुनना चाहते हैं तो ठीक है और मैं बैठक का बहिष्कार करके चली गई…”
हालांकि ममता बनर्जी के इन आरोपों को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी पूरी तरह से बकवास और झूठ बता रहे हैं।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “नीति आयोग की बैठक के बारे में ममता बनर्जी जो बातें कह रही हैं, मुझे लगता है कि वे झूठ बोल रही हैं…ममता बनर्जी जानती थीं कि वहां क्या होने वाला है… उनके पास स्क्रिप्ट थी…”
तो वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों पर भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा, “बैठक से बाहर आकर वो जो बोल रही हैं, वो झूठ बोल रही हैं…उनको ड्रामेबाजी करनी थी…उन्होंने स्क्रिप्ट के हिसाब से एक्टिंग की है। उन्होंने पहले ही बता दिया था कि क्या होने वाला है…”
हालांकि कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने नीति आयोग की बैठक पर कहा, “कई मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय बजट में धन के आवंटन पर नाराजगी जताई है। कई ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बैठक से चली गईं क्योंकि उन्हें बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया था, यह स्पष्ट रूप से सरकार की संघीय व्यवस्था विरोधी मानसिकता को दर्शाता है, यह भारत के लोगों द्वारा दिया गया जनादेश नहीं है। भारत के लोगों ने सहमतिपूर्ण, सहयोगात्मक सरकार के लिए एकमतता दी है। NDA को इसका सम्मान करना चाहिए और सभी मुख्यमंत्रियों की चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए और सही मायने में संघीय तरीके से काम करना चाहिए।”