लोकसभा में बजट को लेकर घमासान के बीच केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी सांसदों को कड़ी नसीहत दी और उन्होंने कहा कि बजट पर चर्चा होनी चाहिए। किरेन रिजिजू ने कहा कि “विपक्ष ने देश के जनादेश का अपमान किया है और PM को गाली देने का काम किया है। ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। NDA के लोगों ने बजट के बारे में अच्छी तरह से सुझाव दिया…विपक्ष के लोगों ने बजट के अच्छे प्रावधान का जिक्र ना करते हुए केवल गाली देने का काम किया है। राजनीतिक बात करके PM को गाली देना किसी को शोभा नहीं देता है। मैं संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते अपील करता हूं कि बजट सत्र में बजट पर चर्चा होनी चाहिए…”
इधर किरेन रिजिजू के इस बयान पर विपक्ष ने भी कड़ा पलटवार किया। कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “वे संसद में सुनना नहीं चाहते। संसद, प्रजातंत्र और संविधान का अपमान हर रोज़ मोदी सरकार करती है और हमसे सवाल पूछती है… जो लोग संविधान और लोकतंत्र को बुलडोजर से कुचलते हैं – क्या वे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे?…वे अपने सभी बेतुके फैसले नीति आयोग से संस्तुत करवाते हैं…बजट ‘कुर्सी बचाओ, साथी पटाओ और बदला लेते जाओ’ वाला बजट बन गया है। इसलिए सरकार को सच्चाई का आईना दिखाना होगा…”
वहीं RJD सांसद मनोज कुमान झा ने बताया, “अभी इंतजार करिए बहुत झटके लगने वाले हैं, हम आपको सरोकार पर लेकर आएंगे। ये ध्रुवीकरण की राजनीति, हिंदू-मुसलमान भारत-पाकिस्तान नहीं चलेगा।”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर कहा, “जब हम बजट पर भाषण देंगे तो बजट में जो कमियां हैं उनपर सवाल पूछेंगे। कल हमने पूछा कि स्वास्थ्य और शिक्षा पर क्या किया गया क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों का बजट कम हो गया है। दो राज्यों के साथ सरकार बहुत अलग व्यवहार कर रही है, वे अपने गठबंधन साथियों को संतुष्ट करना चाहते हैं, इसके बारे में बोलना हमारा फर्ज है… जब एक राज्य को 26 हजार करोड़ मिल रहा है और दूसरे को कुछ नहीं मिल रहा है तो हम सवाल तो पूछेंगे…”
समाजवादी पार्टी सांसद धर्मेंद्र यादव ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर कहा, “विपक्ष ने ऐसा कोई ऐसा व्यवहार नहीं किया है… आज देश की सरकार का ध्यान चुनिंदा उद्योगपतियों के अलावा और किसी पर भी नहीं है। गरीब, किसान, नौजवान, व्यापारी सभी परेशान हैं… विपक्ष अपना काम कर रहा है जिसके लिए जनता ने हमें चुनकर भेजा है और इसके लिए हमें किरेन रिजिजू से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है…”