झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को लिखे पत्र में उन्होंने कई मुदों पर नाराजगी जाहिर की।
इस्तीफे की एक प्रति कुणाल षाड़ंगी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह को भी भेजी है। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया x पर पोस्ट कर दी है।
कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को संबोधित इस पत्र के विषय में लिखा है- पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र. उन्होंने कहा है कि गहन चिंतन एवं आत्ममंथन करने के बाद यह फैसला किया है.
बाबूलाल मरांडी को लिखे पत्र में आखिर कुणाल षाड़ंगी ने क्या लिखा है वो पत्र भी आपको दिखाते हैं। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने पत्र में लिखा-इस पत्र के माध्यम से मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूँ। यह निर्णय मैंने गहन चिंतन और आत्ममंथन के उपरांत लिया है।
पिछले कई महीनों से मैं यह महसूस कर रहा हुँ कि कई बार पूर्वी सिंहभूम जिले की बुनियादी समस्याओं से जुड़े विषयों और संगठनात्मक विषयों को आपके और अन्य वरीय पदाधिकारियों के संज्ञान में लाने के बावजूद पार्टी जिले की महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति बिलकुल उदासीन है। जब मैंने प्रदेश के प्रवक्ता के पद से त्यागपत्र दिया था तो मुझे उम्मीद थी कि मेरे द्वारा रखे गए विषयों पर पार्टी संज्ञान लेगी लेकिन दुखद है कि स्थिति आज भी जस की तस है।
साथ ही उन्होंने अपने पत्र में लिखा-जिले की कई बुनियादी सुविधाओं और विशेष तौर पर युवाओं के मुद्दों पर यहाँ से चुने हुए जन प्रतिनिधि हमेशा से मौन रहे हैं और संगठन के आंतरिक अनुशासन के प्रति भी कोई गंभीरता दिखाई नहीं देती है। इन परिस्थितियों में प्रदेश नेतृत्व के द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जाना दुर्भाग्यजनक है और मैं ऐसी कार्यप्रणाली से सहमत नहीं हूँ और राजनीति में आने के मेरे मुख्य उद्देश्य के प्रति न्याय करने में असमर्थ हूँ।
बीजेपी के पूर्व विधायक ने अपने पत्र में लिखा-पूर्वी सिंहभूम जिले की जनता के हित में यह आवश्यक है कि उनकी आवाज को जोरदार तरीके से बुलंद किया जाए ताकि उनके समस्याओं का उचित समाधान हो सके जो कि वर्तमान की परिस्थिति में भाजपा में रह कर मुझे संभव प्रतीत नहीं होता है।आपसे आग्रह है कि मेरा त्यागपत्र स्वीकार करें।