धनबाद में कोयला खदानों का हो रहा है चीरहरण, रक्षक बने भक्षक, करोड़ों का वारा न्यारा

धनबाद में कोयला खदानों का हो रहा है चीरहरण, रक्षक बने भक्षक, करोड़ों का वारा न्यारा

अमर तिवारी की स्पेशल रिपोर्ट

धनबाद कोयलांचल में कुछ नवोदित और दर्जनाधिक पुराने कोयला माफियाओं ने अवैध उत्खनन के साथ कोयले की तस्करी शुरु कर दिया है।बड़े पैमाने पर इस धंधे ने फिर एकबार अपना साम्राज्य कायम कर लिया है।अधिकतर कोयला जिले के अंदर के भट्ठों में ही खपाये जाने की खबर है।कुछ धूर्त और चतुर खिलाड़ी बाहर की मंडियों में भी कोयला भेज रहे हैं,ये उनकी निजी सेटिंग है।मानसून की धीमी चाल के कारण कोयला खनन,परिवहन और बहिर्गमन ने रफ्तार पकड़ रखा है।स्थिति ऐसी है मानो सबके सामने कोयला खदानों का चीरहरण हो रहा है और तमाम अधिकारी-जनप्रतिनिधि मौन साधे हुए हैं,लाचार सिविल सोसाइटी नग्न आंखों से देखने को विवश है। जिन्हें आवाज उठानी चाहिए वे खामोश हैं,लिखने पढ़ने वालों के हाथ बंधे हैं, कोई गूंगा तो कोई बहरा बन बैठा है। अपने हिस्से की जवाबदेही लोग भूल गए हैं।

  • बाघमारा और निरसा में कालाहीरा के काले खेल का श्रीगणेश, गणेश यदुवंशी को मिला ठेका, पप्पू है सरगना
  • भाटडीह, केसरगढ़, चैतुडीह, रामकनाली, सिजुआ, लोयाबाद, एकड़ा, निरसा व पंचेत में अवैध उत्खनन
  • अनिल, वशिष्ट, पप्पू व जैकी का सिंडिकेट सक्रिय
  • बेहराकुदर के सिंह ब्रदर्स के साथ महथा ग्रुप की बल्ले बल्ले
  • जमशेदपुर का राजेश व परितोष के साथ-साथ पीपी (धैया-बंगाल वाला ) को पासिंग का जिम्मा
  • एकड़ा व भागाबांध इलाके चल रहा है रिटोलिया का राज

सूत्र बताते हैं कि व्यापक स्तर पर कोयला की कटिंग कर जाली पेपर के सहारे बिहार-यूपी की मंडियों में कोयला भेजा जा रहा है। इस कारोबार के स्मूथ संचालन के लिए सीआइएसएफ, पुलिस और माइनिंग विभाग पर मिलीभगत का आरोप लग रहा है। हालांकि संबंधित विभागों द्वारा कार्रवाई के नाम पर धरपकड़ व एफआइआर भी कराए जा रहे हैं। सूत्र ये भी बताते हैं कि उन्हीं की गाड़ियों को पकड़ा जाता है जिनकी पासिंग नहीं है।इस व्यवस्था के सबसे माहिर खिलाड़ी हैं तीन वर्षों से कुर्सी फेविकोल हुए मिहिर सालकर।धनबाद में तमाम अधिकारियों को इन्होंने काफी पीछे छोड़ दिया है। बीसीसीएल की कोलियरियों से चोरी कर निकाले गये कोयले को भट्टों में खपाया जा रहा है। विरोध करने वालों को मुकदमा में फंसाने की धमकी दी जा रही है।

जानकार सूत्रों का कहना है कि गणेश के अलावा, पप्पू, , वशिष्ट, डब्लू मियां, कारु यादव,जैकी के अलावा कई वअन्य तस्करों का काला धंधा चल रहा है। जमशेदपुर के राजेश व परितोष के साथ-साथ धनबाद के पीयूष को पासिंग का जिम्मा मिला है। भाटडीह, तेतुलिया, चैतुडीह, केसरगढ़, रामकनाली, मधुबन, सिजुआ, एकड़ा, लोयबाद , केंदुआ व गोधर इलाकों में इलिगल माइनिंग कर कोयला का स्टॉक किया जा रहा है। रातोंरात स्टॉक से कोयले को ट्रक के माध्यम से जीटी रोड के भट्ठों और पड़ोसी राज्यों की मंडियों में पहुंचाया जा रहा है। एकड़ा कोलियरी स्थित सूर्य मंदिर के नजदीक रिटोलिया द्वारा कई स्थलों पर अवैध खनन का काम किया जा रहा है।

रिटोलिया गैंग सीधे कोलियरी से ट्रकों से कोयला निकाल रहा है। एकड़ा कोलियरी में बंद पड़े चानक के मुहाने को खोलवाकर सैकड़ों मजदूरों को लगाया गया है। बड़े पैमाने पर इलिगल कोल माइनिंग किया जा रहा है। सूर्य मंदिर के पास पासवान बस्ती के पास रात में ट्रकों में कोयला पेलोडर से लोड करवाकर फर्जी कागजात लगाकर कोल मंडियों व भट्ठों में भेजा जाता है। रिटोलिया को धैया के भैया का साथ मिल रहा है। पूर्व में भी रिटोलिया का नगदा में इलिगल माइनिंग चलता था।घनुडीह और तीसरा इलाके में प्रकाश नामक तस्कर पासिंग लेकर दर्जनों ट्रक जीटी रोड के भट्ठों में भेज रहा है।

घनुडीह और तिसरा में प्रकाश ने पासिंग लिया है। वह घनुआडीह, कुईयां, बेरा और दोबारी के बंद पड़े खदानों में इलिगल माइनिंग करवा रहा है। घनुआडीह के एक बंद लोहा गोदाम में छोटे वाहनों से इलिगल माइनिंग का कोयला जमा किया जाता है। यह कोयला रात में में बड़े ट्रकों पर लोड करवाकर गोविंदपुर के भट्ठे को भेज रहा है। निरसा व पंचेत इलाके में रमेश का राज चल रहा है। रिटोलिया, वशिष्ठ, माधो,गणेश और रमेश पर पुलिस हेडक्वार्टर की नजर है।

धनबाद में पुलिस और जिला प्रशासन की टीम कोयला तस्करों के खिलाफ अभियान चला रही। कोयला तस्करी का मामला थानों में दर्ज होता है। मामले में ट्रक ड्राइवर को अरेस्ट कर जेल भेज दिया जाता है। लेकिन पुलिस न तो बड़े तस्करों और न ही ट्रांसपोर्टर के खिलाफ कार्रवाई कर पाती है। ड्राइवर व खलासी को जेल भेज खानापूर्ति कर लेती है।मुकदमा होता भी है तो बाद में नाम पर व्हाइटनर लगा दिया जाता। धनबाद की रत्नगर्भा धरती का कबतक चीरहरण होता रहेगा,इसका जवाब कौन देगा।हालांकि धनबाद की उपायुक्त माधवी मिश्रा और एसएसपी जनार्दनन,ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी और सिटी एसपी अजित कुमार इस मामले में काफी गंभीर हैं। लेकिन थाना स्तरीय फुलप्रूफ व्यवस्था ने वरीय अधिकारियों द्वारा बिछाए गये जाल को छेद कर दिया है।जबतक थानेदारों पर डंडा नहीं चलेगा धंधा कभी मंदा नहीं पड़ेगा।

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