झारखंड विधानसभा चुनाव- अभी से टिकट के लिए जोड़तोड़ शुरू, किन-किन सीटों पर कितने दावेदार ? Exclusive रिपोर्ट

झारखंड विधानसभा चुनाव- अभी से टिकट के लिए जोड़तोड़ शुरू, किन-किन सीटों पर कितने दावेदार ? Exclusive रिपोर्ट

अमर तिवारी की स्पेशल रिपोर्ट

झारखंड में विधानसभा का चुनाव अब बहुत दूर नहीं है। इच्छुक नेतागण टिकट के मिशन और लॉबिंग में अपने अपने तरीके से लग गए हैं।अभी हम धनबाद जिला के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों की बात करते हैं। टिकट देने संबंधी सर्वे से पहले हाल में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में विधानसभा के दावेदारों की भूमिका की भी समीक्षा होनी है। एक दूसरे की पोलपट्टी खोलने का दौर भी आएगा।

धनबाद में कौन है दावेदार ?

खैर ये सब सबको पता है।धनबाद विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के कई दावेदार हैं। भाजपा में सीटिंग विधायक राज सिन्हा के अलावा सत्येंद्र कुमार,अमरेश सिंह,मुकेश पांडेय और चंद्रशेखर अग्रवाल के साथ पीएन सिंह के पुत्र प्रशांत का भी नाम चर्चे में हैं। काफी उठापटक होगी।इसी तरह कांग्रेस में अशोक सिंह, अभिजीत राज,रविन्द्र वर्मा,सुल्तान अहमद,रशीद रजा, नवनीत नीरज,वैभव सिन्हा, अजय दुबे का नाम चर्चे में है। कहते हैं कि अनुपमा सिंह ने भी धनबाद में डेरा डंडी डाल दिया है। लोकसभा में टिकट से वंचित अशोक सिंह धनबाद विधानसभा के सबसे प्रबल दावेदार हैं। विगत चुनाव में श्री सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में काफी मेहनत भी किया है। ब्रजेन्द्र सिंह और संतोष सिंह भी दांवपेंच करेंगे, लेकिन चूंकि झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह राजपूत वर्ग से आती हैं, इसलिए यहां किसी राजपूत का सामंजन काफी कठिन है।

झरिया और सिंदरी की तस्वीर
झरिया की बात करें तो वहां कांग्रेस की सिटिंग विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के साथ कोई स्पर्धा ही नहीं है। भाजपा से रागिनी सिंह भी कंटिन्यू कर सकती हैं। हालांकि योगेंद्र यादव भी उलटफेर की कोशिश में होंगे। आइए सिंदरी! तो यहां भाजपा,मासस और जेएमएम के बीच टक्कर रहती है। भाजपा में बीमार सिटिंग विधायक इंद्रजीत की पत्नी तारा देवी के अलावा धर्मजीत सिंह और नंदलाल अग्रवाल के नामों की चर्चा है। जेएमएम से धरणीधर मंडल,एजाज मल्लिक और मन्नू आलम दौड़ में होंगे। मासस से इसबार आनंद महतो के पुत्र बबलू महतो उम्मीदवार होंगे।जेबीकेएसएस भी इसबार यहां अपनी प्रत्याशी खड़ी करेगा।

निरसा में कितने दावेदार ?

निरसा चलते हैं। वहां सीटिंग विधायक अपर्णा सेनगुप्ता के अलावा मन्नू तिवारी और गणेश मिश्रा के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा होगी। अगर ढुलू महतो की पैरवी चली तो निरसा से मन्नू तिवारी और धनबाद से सत्येंद्र कुमार रेस में आगे होंगे। मासस से अरूप चटर्जी उम्मीदवार होंगे।जेएमएम का वहां भगवान ही मालिक हैं। मासस और कांग्रेस में तालमेल संभव है।

कौन होगा टुंडी का चेहरा ?

टुंडी की बात करें तो यहां जयराम के जलवे का कमाल दिखेगा। हालांकि टाइगर जयराम की हवा- तूफान के बावजूद मथुरा महतो ने लोकसभा चुनाव में टुंडी में अपना दबदबा कायम रखा है। बीजेपी आजसू में गठबंधन के कारण ये सीट किसी के भी खाते में जा सकती है।बीजेपी के हिस्से जाने पर विक्रम पांडेय और राजीव कुमार ओझा प्रबल दावेदार होंगे। आजसू के कोटे में जाने पर हलधर महतो,वाणी देवी,मंटू महतो ,संतोष महतो,गिरिधारी महतो,या फिर रामगढ़ के डिप्टी मेयर मनोज महतो में से कोई उम्मीदवार हो सकते हैं।लेकिन इस सीट पर जेएमएम का पलड़ा भारी रहेगा। वैसे आसन्न विधानसभा चुनाव में झारखंड जनहित मोर्चा के माना पाठक भी इसबार काफी निर्णायक होंगे।अल्पसंख्यकों का रुझान माना पाठक की ओर बढ़ रहा है।जयराम की भी पुरजोर कोशिश रहेगी कि मुसलमानों का ध्रुवीकरण उनके पक्ष में हो।जयराम और माना पाठक की एंट्री से टुंडी में सस्पेंस पैदा हो गया है।

ढुल्लू महतो के बाद कौन ?

सबसे दिलचस्प खेल बाघमारा का है। बाघमारा के विधायक ढुलू महतो धनबाद के सांसद बन गए हैं, सीट खाली हो गयी है।यहां जलेश्वर महतो कांग्रेस के दावेदार रहे हैं। दूसरी ओर सूरज महतो का नया उदय हुआ है।पिछले चार सालों से यह बंदा रातदिन एक किये हुए है। केंद्र में जदयू का भाजपा के साथ गठबंधन है। इस स्थिति में नीतीश कुमार के लिए झारखंड की एक दो सीटें सामान्य बात है। झरखंड के खीरू महतो राज्यसभा सदस्य भी हैं। तो बाघमारा सीट काफी गरम सीट होगी।ये सीट पाला बदलकर जलेश्वर हथिया लें या दीपनारायण सिंह को मिले,ये कहना जल्दबाजी होगी। जलेश्वर के कांग्रेस छोड़ने की स्थिति में अशोक लाल या रणविजय सिंह यहां से कांग्रेस के दावेदार हो सकते हैं। ढुलू महतो का कवायद रहेगा कि ये सीट भाजपा के कोटे में ही रहे और किसी उनके चहेते को मिल जाय।

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